नई दिल्ली। गत दिनों सुप्रीम कोर्ट ने दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने का फैसला सुनाया था। कोर्ट के इसे फैसले पर कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने आपत्ति जताई थी। लेकिन आलोचकों ने सिंघवी की आपत्ति को मात्र रस्म अदायगी बताया था। इसके बाद अब कांग्रेस ने राजीव गांधी के हत्यारों को मिली सजा के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कांग्रेस ने कोर्ट में फैसले के विरोध में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की बात कही है। बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार ने भी राजीव गांधी के हत्यारों को मिली रिहाई के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। जिसके बाद अब कांग्रेस ने उपरोक्त ऐलान किया है। जिसके बाद राजनीतिक पारा अपने चरम पर है।
गौरतलब है कि गत दिनों सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी के हत्यारों को उनके अच्छे रवैयों को आधार मानकर रिहा करने का फैसला सुनाया था। हालांकि, इससे पूर्व मई माह में पेरारिवलन को भी रिहा किया गया था। उसकी रिहाई पर कांग्रेस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई, लेकिन अब जब मामले में सजायाफ्ता सात अन्य कैदियों को रिहा करने का फैसला किया गया, तो कांग्रेस ने आपत्ति जताना जरूरी समझा। पेरारिवलन की रिहाई पर कोर्ट ने कहा था कि जब उसे सजा सुनाई गई थी. तो वो मात्र 19 साल का था और अब 30 साल से अधिक समय तक जेल में रह चुका है।
जिसे ध्यान में रखते हुए उसे रिहा करने का फैसला सुनाया गया है। वहीं, कोर्ट के उपरोक्त फैसले पर अभी गांधी परिवार की तरफ से अपेक्षित कठोर प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, बल्कि सोनिया गांधी अपने दिवंगत पति राजीव गांधी के हत्यारों को माफ भी कर चुकी है। यही नहीं, प्रियंका गांधी ने तो बाकायदा राजीव गांधी के हत्यारों से मुलाकात भी की थी। खैर, ये गांधी परिवार का रूख है, लेकिन कांग्रेस ने अब इस मामले में चौतरफा हुई आलोचनाओं के बाद कोर्ट का रूख किया है। अब ऐसी स्थिति में देखना होगा कि कोर्ट की तरफ से क्या कुछ प्रतिक्रिया सामने आती है।
आपको बता दें कि मई 1991 में तमिलनाडु के श्रीपेरबुंदूर में एक चुनावी रैली में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। मामले में सात लोगों को दोषी करार दिया गया था। जिसमें कई लोगों को गत दिनों कोर्ट ने उनके अच्छे व्यवहार को ध्यान में रखते हुए रिहा करने का फैसला सुनाया था। जिसकी चौतरफा आलोचना हुई थी। बहरहाल, अब केंद्र के साथ–साथ कांग्रेस ने भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है, तो ऐसी स्थिति में मामले में कोर्ट की तरफ से क्या कुछ फैसला सुनाया जाता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।