नई दिल्ली। जिस किताब के लिए ईरान ने मशहूर लेखक सलमान रुश्दी के खिलाफ मौत का फतवा जारी किया था, वो भारत में 36 साल बैन करने के बाद फिर बिकने लगी है। दिल्ली में एक किताब की दुकान पर सलमान रुश्दी की विवादास्पद किताब ‘द सैटेनिक वर्सेस’ को आयात कर बेचा जा रहा है। किताब की दुकान ने सोशल मीडिया पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है। किताब की दुकान की मालिक रजनी मलहोत्रा ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि सलमान रुश्दी की द सैटेनिक वर्सेस को खरीदने के प्रति लोगों में रुझान दिख रहा है। किताब की अच्छी बिक्री हो रही है। द सैटेनिक वर्सेस की एक प्रति की कीमत 1999 रुपए है।
#SalmanRushdie‘s ‘ The Satanic Verses’ Returns After 36-Year Ban
This exposes the fake narratives surrounding freedom of expression: @RatanSharda55 speaks to @DEKAMEGHNA
SP believes in promoting communal harmony and our goal is to foster unity in the country: @chaandsamajwadi pic.twitter.com/OMRaxKeNWA
— TIMES NOW (@TimesNow) December 26, 2024
सलमान रुश्दी की द सैटेनिक वर्सेस साल 1988 में आई थी। मुस्लिमों ने इसके खिलाफ जोरदार आवाज उठाई थी। मामला तनावपूर्ण होते देख केंद्र की तत्कालीन राजीव गांधी सरकार ने 5 अक्टूबर 1988 को द सैटेनिक वर्सेस पर भारत में बैन लगा दिया था। नवंबर 2024 में दिल्ली हाईकोर्ट ने उस याचिका पर सुनवाई बंद कर दी, जिसमें राजीव गांधी सरकार की तरफ से द सैटेनिक वर्सेस पर लगाए गए बैन को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने कहा कि अधिकारी इस बैन के बारे में संबंधित अधिसूचना पेश करने में नाकाम रहे। इससे लगता है कि ऐसा कोई बैन नहीं है। इसके बाद ही अब सलमान रुश्दी की द सैटेनिक वर्सेस का आयात कर उसे बेचा जा रहा है।
ईरान के तब सुप्रीम लीडर रहे अयातुल्लाह रुहोल्लाह खुमैनी ने द सैटेनिक वर्सेस के मामले में सलमान रुश्दी के खिलाफ मौत का फतवा जारी किया था। इसके बाद जान बचाने की खातिर सलमान रुश्दी को ब्रिटेन में छिपकर रहना पड़ा। साल 1991 में द सैटेनिक वर्सेस का अनुवाद करने वाले जापानी अनुवादक की हत्या की गई ती। इसके अलावा अमेरिका में सलमान रुश्दी पर 2022 में चाकू से जानलेवा हमला भी किया गया था। इस हमले में सलमान रुश्दी बाल-बाल बचे थे। उनके चेहरे पर चाकू के कई घाव लगे थे। मौके से उनको हेलीकॉप्टर के जरिए अस्पताल ले जाकर दाखिल कराना पड़ा था।