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फिर फारुख अब्दुल्ला ने उगला जहर? NC के युवा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा-” हमें भी किसानों की ही तरह…”

वहीं हैदरपोरा में हुए मुठभेड़ को लेकर भी फारुख अब्दुल्ला ने सवाल खड़े किये हैं। वहीं कश्मीर के विकास को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि दिल्ली में वे बात करते हैं कि पर्यटन कैसे बढ़ा है। मानो पर्यटन ही सब कुछ है। आपने जिन 50,000 नौकरियों का वादा किया था, उनका क्या हुआ? वे नौकरियां कहां हैं?

नई दिल्ली। एक साल तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस ले लिया है। इससे पहले किसानों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि हम कुछ किसानों तक अपनी बात पहुंचाने में सफल नहीं हो पाए।  इसके बाद अब CAA और NRC को भी वापस लेने की मांग कर रहे हैं । इतना ही नहीं अब किसान बिल वापसी की दुहाई देकर फारुख अब्दुल्ला ने भी विवादित बयान दे दिया है। अब्दुल्ला ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, ‘केंद्र द्वारा छीने गए अधिकारों को पाने के लिए किसानों की तरह बलिदान देना पड़ सकता है।

दरअसल नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ फारूक अब्दुल्ला हजरतबल में अपने पिता शेख अब्दुल्ला की पुण्यतिथि पर पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा है कि आप जवान हैं आप लोगों को इस रियासत का बोझ अपने कंधों पर उठाना है। आपको किसके साथ कैसे रिश्ते कैसे रखने हैं वो आपको तय करना है। केंद्र द्वारा छीने गए अधिकारों को पाने के लिए किसानों की तरह बलिदान देना पड़ सकता है। ‘ इतना ही नहीं, अब्दुल्ला ने पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं से एक अलग मंच तैयार करने के लिए कहा है जिससे जम्मू -कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश को पूर्ण प्रदेश का दर्जा मिल सके।

इतना ही नहीं, फारुख अब्दुल्ला ने पार्टी के युइवा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए आगे कहा कि ‘केंद्र द्वारा हमसे छीने गए अधिकारों को वापस पाने के लिए हमें भी इसी तरह का बलिदान देना पड़ सकता है। उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35A की बहाली के लिए लड़ाई जारी रखने का वादा किया और कहा कि किसान आंदोलन के दौरान पिछले 11 महीनों में 700 से ज्यादा किसानों की मौत हो गई है। जब किसानों ने अपना बलिदान दिया तो सरकार को तीन कृषि बिलों को रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

वहीं हैदरपोरा में हुए मुठभेड़ को लेकर भी फारुख अब्दुल्ला ने सवाल खड़े किये हैं। वहीं कश्मीर के विकास को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि दिल्ली में वे बात करते हैं कि पर्यटन कैसे बढ़ा है। मानो पर्यटन ही सब कुछ है। आपने जिन 50,000 नौकरियों का वादा किया था, उनका क्या हुआ? वे नौकरियां कहां हैं?