नई दिल्ली। कभी राम मंदिर को ध्वस्त करने की इच्छा जाहिर करने वाले मौलाना साजिद रशीदी ने हजारों मंदिरों को ध्वस्त करने वाले इतिहास के सर्वाधिक क्रूरतात्मक इस्लामिक शासक में से एक मोहम्मद गजनवी की ऐसी वकालत की है कि अगर आपने जान लिया तो आपके होश ही फाख्ता हो जाएंगे। साथ ही उन्होंने सोमनाथ मंदिर को तोड़ने के पीछे का जो तर्क पेश किया है, उसे जानकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाना मुनासिब है। अगर नहीं हो रहा यकीन तो पढ़िए हमारी यह रिपोर्ट।
अखिल भारतीय इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद ने रविवार को मीडिया से मुखातिब होने के दौरान हिंदू धर्म के बारे में ना महज जहर उगला, बल्कि इस्लामिक शासकों की पैरोकारी भी की। उन्होंने इस्लामिक शासकों द्वारा किए गए जुर्मों को नजरअंदाज करते हुए कहा कि उनका धर्म से कोई लेना देना नहीं था। उन्हें धर्म से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। मौलाना कहते हैं कि मुगलों का अपना एक काल था। उन्होंने कहा कि इन 800 सालों के काल के दौरान की अगर आप मुगलों की हिस्ट्री पढ़ेंगे, तो आपको पता चलेगा कि उनका धर्म से कोई लेना देना नहीं था। तो इस तरह जहां मौलाना साजिद ने मुगलो शासकों की कूरता को क्रूरता मानने से इनकार कर दिया। वहीं सोमनाथ मंदिर सहित अनेकों को मंदिर को ध्वस्त करने वाले मोहम्मद गजनवी की भी जमकर वकालत कर डाली। आइए, आगे आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा।
गजनवी ने सोमनाथ मंदिर तोड़कर गलत नहीं किया- साजिद रशीदी#Somnath pic.twitter.com/VgHtYWeRG9
— TV9 Bharatvarsh (@TV9Bharatvarsh) January 22, 2023
आपको बता दें कि मौलाना ने आगे महमूद गजनवी का जिक्र कर कहा कि लोग कहते हैं कि उन्होंने सोमनाथ मंदिर को ध्वस्त कर दिया था, लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि मंदिर को क्यों ध्वस्त किया गया था। दरअसल, वहां रहने वाले लोगों ने गजनवी से पहले शिकायत की थी कि मंदिर में आस्था के नाम पर क्या हो रहा है। देवी-देवताओं के नाम पर क्या हो रहा है। कैसे वहां लड़कियों को लापता कर दिया जा रहा है। मौलाना आगे कहते हैं कि लोगों की इन्हीं शिकायतों के बाद गजनवी ने मंदिर में अपने सीआईडी भेजे कि जाकर पता करें कि वहां कुछ गलत तो नहीं हो रहा है? जब इसके बारे में पता चला, तब मंदिर पर चढ़ाई की गई। मौलाना ने आगे कहा कि ऐसा मंदिर को तोडने के लिए नहीं, बल्कि उसमें हो रहे गलत काम को रोकने के लिए किया था।
हालांकि, आप बतौर पाठक मौलाना के बयान से वाकिफ होने के बाद ज्यादा हैरान मत होइएगा, क्योंकि यह कोई पहली मर्तबा नहीं है कि जब उन्होंने इस तरह का बेहुदा बयान दिया है, बल्कि इससे पहले भी वे मीडिया से ही मुखातिब होने के दौरान राम मंदिर को ध्वस्त करने की धमकी दे चुके हैं। आगे हम आपको उनके पुराने बयान का वीडियो भी दिखाएंगे। लेकिन, उससे पहले आप जरा यह जान लीजिए कि उन्होंने क्या कुछ कहा था। दरअसल, मौलाना ने राम मंदिर के संदर्भ में कहा था कि एक वक्त ऐसा भी आएगा, जब कोई मुस्लिम सुप्रीम कोर्ट का जज या शासक बनेगा तो वहां राम मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई जाएगी। बता दें कि उनके इस बयान की खूब आलोचना हुई थी, लेकिन अब उनके हालिया बयान से पता चलता है कि इन आलोचनाओं का उन पर कोई असर नहीं पड़ा है।
ध्यान रहे कि साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण का आदेश दिया था। वहीं, मुस्लिमों के लिए मस्जिद निर्माण हेतु अलग भूमि आवंटित की थी, लेकिन मुस्लिम समुदाय ने शीर्ष अदालत के इस फैसले को चुनौती देते हुए पुनर्विचार याचिका दायर कर दी थी, जिसे बाद में खारिज कर दिया गया था।