नई दिल्ली। कोरोनावायरस की वजह से फैली महामारी से बचाव के लिए देशभर में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया गया है। ऐसे में गरीब परिवारों की मदद के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से आग्रह किया गया था कि वह आगे आकर देश के गरीबों, बेघरों, मजबूरों और अनाथों की मदद करें। भाजपा के कार्यकर्ता इसके बाद से जी जान से ऐसे लोगों का मदद में जुट गए हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री ने भी देश के लोगों से आह्वान किया था कि वह इस नवरात्री के मौके पर नौ गरीब परिवारों की मदद करें।
अब पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इस काम के लिए आगे आए हैं और देशभर में जगह-जगह गरीबों, बेघरों, मजबूरों और अनाथों की मदद कर रहे हैं। अमित शाह के बेहद करीबी और कर्नाटक के साथ ही मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार गठन के समय संकटमोचक बनकर उभरे तीन बार के विधायक अरविंद लिंबावली ने भी अपने क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर ऐसे लोगों की मदद करने का काम शुरू कर दिया है।
अरविंद लिंबावली की मानें तो उनके निर्वाचन क्षेत्र के वरथुर, नल्लुरहल्ली, सदरमंगला, कुंदलहल्ली में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के 11,000 परिवारों को 5 किलो चावल, 1 किलो तेल, तुअर की दाल, आलू और प्याज, मसाला सामग्री और अन्य किराने का सामान दिया जाएगा। एक-एक परिवार को अगले तीन सप्ताह के लिए सप्ताह में एक बार उपरोक्त चीजों की आपूर्ति की जाएगी।
अरविंद लिंबावली ने बताया कि हमने 5 वार्डों में शुरुआत की है और हम कल तक सभी 14 वार्डों को कवर करेंगे। गुरुवार तक 11,000 परिवारों को वितरण का दूसरा दौर होगा और फिर से 14 वार्डों को कवर किया जाएगा और इसके साथ ही हम निर्वाचन क्षेत्र में अनाथालयों को ये सामग्री भी वितरित करेंगे। अरविंद के अनुसार उन्होंने इसके लिए दान दिया है और स्थानीय पार्टी के नेताओं और दानदाताओं और शुभचिंतकों की मदद से धन एकत्रित करने की भी शुरुआत कर चुके हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद की जा सके।
अरविंद लिंबावली की मानें तो हमारे कार्यकर्ताओं और नेताओं ने कोरोना वायरस के प्रसार को देखते हुए निर्वाचन क्षेत्र में अपने घरों में रहने वाले आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के परिवारों के लिए किराने का सामान और खाद्य सामग्री और मास्क की आपूर्ति का काम किया है। 5 किलो चावल, 1 किलो तेल, चना, तुअर दाल और प्याज, मसाला सामग्री और अन्य किराने का सामान सहित दैनिक खाद्य पदार्थ 11,000 परिवारों को सप्ताह में एक बार तीन सप्ताह तक प्रदान किए जाएंगे। इसकी व्यवस्था उनकी तरफ से की जा रही है।