newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Lithium Rajasthan: देश की धरती ने फिर उगला ‘सफ़ेद सोना’ राजस्थान में मिला जम्मू कश्मीर से भी बड़ा लिथियम भंडार

Lithium Rajasthan: राजस्थान में इतना बड़ा रिजर्व मिलने के बाद भारत ने लिथियम रिजर्व वाली लिस्ट में एक बड़ी छलांग लगाई है। इससे पहले हम लिथियम के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहते थे लेकिन अब रिजर्व के मामले में भारत 5वें स्थान पर आ पहुंचा है। इसी के चलते इसे भारत के लिए बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है। सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में मौजूदा समय में पेट्रोल-डीजल को छोड़कर इलेक्ट्रिक वाहनों की चर्चा जोरों पर है। इसी बीच लिथियम की इतनी बड़ी खोज सेक्टर के लिए भी फायदेमंद हो सकती है। दरअसल, लिथियम का इस्तेमाल इस तरह के वाहनों की बैटरी तैयार करने में किया जाता है।

नई दिल्ली। ये साल लिथियम भंडार की खोज के लिहाज से भारत के लिए ऐतिहासिक साबित हो रहा है। जम्मू-कश्मीर के बाद अब राजस्थान से भी अच्छी खबर सामने आई है। राजस्थान में भी भारी मात्रा में बैटरी बनाने में उपयुक्त होने वाले ऊर्जा के बड़े स्त्रोत लिथियम का भंडार होने का पता लगा है। यानि अब भारत की धरती भी ‘सफ़ेद सोना’ उगलने लगी है। भारत के आलावा इस लिस्ट में चीन, चिली, बोलीविया, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका जैसे देश शामिल है। लेकिन लिथियम भंडार के मामले में बोलीविया सबसे ऊपर है। ऐसे में जिस तरह से एक के बाद एक बड़े लिथियम भंडार भारत में मिल रहे हैं उससे इस इस संभावना को भी बल मिलता है कि बोलीविया भी लिथियम डिपॉजिट्स के मामले में भारत से पीछे छूट जाएगा ?

जानकारी के लिए आपको बता दें कि राजस्थान के डेगाना में ये लिथियम रिजर्व मिला है, इसका दावा जियोलॉजिकल सर्वे इंडिया की तरफ से किया गया है। खबर तो ये भी है कि ये जम्मू कश्मीर में मिले लिथियम डिपॉजिट्स से भी ज्यादा बड़ा है। ये कितनी बड़ी मात्रा में इसका अंदाजा ASI के दावे से लगाया जा सकता है जिसमें कहा जा रहा है कि ये भारत में लिथियम की 80 प्रतिशत डिमांड की पूर्ति कर सकेगा। भारत के लिए ये बेहद अहम खोज है क्योंकि लिथियम मौजूदा वक्त में सबसे ज्यादा डिमांड में है। दुनियाभर में लिथियम आयन बैटरी बनाने में इसका इस्तेमाल होता है। ऐसे में भारत के लिए ये किसी सोने से कम नहीं है।

जम्मू कश्मीर और राजस्थान में इतना बड़ा रिजर्व मिलने के बाद भारत ने लिथियम रिजर्व वाली लिस्ट में एक बड़ी छलांग लगाई है। इससे पहले हम लिथियम के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहते थे लेकिन अब रिजर्व के मामले में भारत 5वें स्थान पर आ पहुंचा है। इसी के चलते इसे भारत के लिए बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है। सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में मौजूदा समय में पेट्रोल-डीजल को छोड़कर इलेक्ट्रिक वाहनों की चर्चा जोरों पर है। इसी बीच लिथियम की इतनी बड़ी खोज सेक्टर के लिए भी फायदेमंद हो सकती है। दरअसल, लिथियम का इस्तेमाल इस तरह के वाहनों की बैटरी तैयार करने में किया जाता है। लैपटॉप, फोन की बैटरी में भी लिथियम की बैटरी ही इस्तेमाल की जाती है। लिहाजा इस दृष्टिकोण से भारत को बड़ा फायदा होने की उम्मीद है।