newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Gujarat Riots: नरोदा गांव नरसंहार मामले में कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, कोडनानी समेत सभी आरोपी बरी

गुजरात दंगे के दौरान नरोदा गांव में हुए नरसंहार मामले में आज अहमदाबाद कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। दरअसल, कोर्ट ने नरसंहार में शामिल सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। बता दें कि अहमदाबाद की विशेष अदालत में इस मामले पर सुनवाई चल रही थी।

नई दिल्ली। गुजरात दंगे के दौरान नरोदा गांव में हुए नरसंहार मामले में आज अहमदाबाद कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। दरअसल, कोर्ट ने नरसंहार में शामिल सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। बता दें कि अहमदाबाद की विशेष अदालत में इस मामले पर सुनवाई चल रही थी। बता दें कि इस मामले में बाबू बजरंगी और माया कोडनानी भी आरोपी थी। यह इस मामला इस लिहाज से अहम हो जाता है, क्योंकि कोडनानी गुजरात सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। ध्यान रहे कि इस घटना में 11 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इसके अलावा कई घायल हो गए थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद 2017 में कोडनानी के बचाव में दलीलें दे चुके हैं।

वकील ने क्या कहा?

वहीं, आरोपियों के पक्ष में पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि हम इस मामले का काफी लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। बता दें कि नरोदा गांव में दंगे गोधरा ट्रेन में आगजनी के बाद हुए थे, जिसमें 11 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। ध्यान रहे कि गोधरा ट्रेन में हुई आगजनी में 58 लोगों की मौत हो गई थी। गौरतलब है कि नरोदा ग्राम मामले में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 143 (गैरकानूनी जमावड़ा), 147 (दंगा), 148 (घातक हथियारों से लैस होकर दंगा करना), 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत मुकदमा चल रहा था। जिस पर अब फैसला आया है।

पुलिस ने उक्त मामले में कोडनानी सहित 87 लोगों को आरोपी बनाया था, जिसमें से अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है। 21 साल बाद इस मामले में फैसला आया है। इस मामले की सुनवाई साल 2009 में शुरू हुई थी। मामले में 187 लोगों से पूछताछ  की गई थी। इसके अलावा 57 चश्मदीदों के बयान भी दर्ज किए गए थे। 13 साल तक इस मामले की सुनवाई चली। यही नहीं, साल 2017 में खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अदालत में कोडनानी के बचाव के पक्ष में पेश हुए थे। उस वक्त उन्होंने कोर्ट के सामने कहा था कि वह 28 फरवरी को सुबह विधानसभा से निकले थे। सदन की कार्यवाही सुबह 8 बजे शुरू होनी थी। इसके बाद उन्होंने 28 फरवरी को विधानसभा के अंदर कोडनानी को देखा था। शाह ने अपने बयान में कहा था कि विधानसभा और सोला अस्पताल से बाहर निकलने के बाद कोडनानी कहां पहुंची। इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है।