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Dehradun: ‘क्रूरता ऐसी..जिसे देखकर दहल जाए दिल!’, डीबीएस में रैगिंग से हड़कंप, पीड़ित छात्र ने वीडियो जारी कर बयां किया दर्द

Dehradun: कॉलेज प्रशासन ने अपनी ओर से जारी बयान में कहा कि हमारे यहां रैगिंग पर रोक है। वहीं, यह रैगिंग का मामला नहीं है। यह दो छात्रों के गुटों के बीच की लड़ाई का मामला है। जिसे ध्यान में रखते हुए दोनों पक्षों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, लेकिन छात्रों ने कॉलेज प्रशासन द्वारा की गई इस कार्रवाई पर विरोध जताया है।

नई दिल्ली। उत्तराखंड स्थित दून बिजनेस स्कूल से रैगिंग का मामला सामने आया है, जिसके बाद पुलिस-प्रशासन हरकत में आई, लेकिन अब उनकी कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। वहीं, मामले से जुड़ा वीडियो भी सामने आया है, जिसे देखने के बाद हर किसी की रूह कांप जा रही है। आइए, आगे आपको पूरा माजरा तफसील से बताते हैं। दरअसल, सामने आए वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कुछ सीनियर छात्र अपने जूनियर छात्र को बेरहमी से पीट रहे हैं। सीनियर छात्रों की क्रूरता का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि पीड़ित छात्र द्वारा बार-बार ना मारने की गुहार लगाने के बावजूद भी उनका दिल नहीं पसीजता है। वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे ये सीनियर छात्र अपने से जूनियर छात्र को पीटते जा रहे हैं।

पीड़ित छात्र का शरीर नीला पड़ चुका है। वो कराहा रहा है। बता दें कि पीड़ित छात्र बीबीए सेकंड ईयर का विधार्थी है। जिसके बाद वीडियो जारी कर उसने अपनी व्यथा भी बताई। इतना ही नहीं, पीड़ित छात्र ने कॉलेज-प्रशासन से शिकायत की, तो आरोपी छात्रों के साथ-साथ पीड़ित छात्र पर भी कार्रवाई की गई। बता दें कि पीड़ित छात्र को जहां 21 दिन तो वहीं दूसरी तरफ आरोपी छात्रों को 31 दिनों के लिए निष्कासित कर दिया गया। जिसके बाद कॉलेज के अन्य छात्र गुस्साए छात्रों ने कॉलेज प्रशासन की इस कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण बताकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कॉलेज परिसर में हिंसात्मक स्थिति भी देखने को मिली। गुस्साए छात्रों ने तोड़फोड़ की। सामने आए वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे आक्रोशित छात्र तोड़पोड़ कर रहे हैं। कहीं कोई गाड़ियों पर तोड़फोड़ करता हुआ नजर आ रहा है, तो कहीं कोई कॉलेज में तोड़फोड़ कर रहा है। यही नहीं, हालात इस कदर गंभीर हो गए हैं कि पुलिस तक बुलानी पड़ी, लेकिन छात्रों ने पुलिस पर भेदभावपूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाया।

वहीं, कॉलेज प्रशासन ने अपनी ओर से जारी बयान में कहा कि हमारे यहां रैगिंग पर रोक है। वहीं, यह रैगिंग का मामला नहीं है। यह दो छात्रों के गुटों के बीच की लड़ाई का मामला है। जिसे ध्यान में रखते हुए दोनों पक्षों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, लेकिन छात्रों ने कॉलेज प्रशासन द्वारा की गई इस कार्रवाई पर विरोध जताया है। इसके अलावा आपको बता दें कि यूजीसी द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देश के मुताबिक, अगर किसी छात्र रैगिंग होती है, तो आरोप छात्र पर जुर्माना और सश्रम कारावास की सजा का प्रावधान है। वहीं, पीड़ित छात्र की गुहार पर कॉलेज प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता है, तो पीड़ित अपनी शिकायत लेकर यूजीसी जा सकता है, जहां उसे इंसाफ दिलाने की दिशा में कार्रवाई की जाएगी। बहरहाल, यह पूरा मामला अब आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।