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What is Mass Hysteria: इस स्कूल में छात्राओं पर सवार हुए भूत-प्रेत अचानक चीखने लगीं

What is Mass Hysteria: स्थानीय लोगों की मानें तो छात्राओं में भूत प्रेत की बाधा का अंदेशा था इसलिए छात्राओं को काबू में करने की तमाम कोशिशें की गईं। छात्राएं चिल्ला रहीं थी और कुछ बड़बड़ा भी रही थीं। छात्राओं की इन हरकतों से शिक्षकों और अन्य छात्रों में दहशत जबरदस्त दहशत फैल गई।

नई दिल्ली। जरा सोचकर देखिए कि आप कहीं बैठे हों और अचानक से आपके आसपास मौजूद लोग अजीबोगरीब हरकतें करने लगें। चीखने चिल्लाने लगें या हाथ पैर पटकने लगें। आमतौर पर लोगों को इस तरह की हरकतें करते हुए आपने किसी मंदिर या मजार में तो देखा होगा लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि एक स्कूल में भी ऐसा हो सकता है? शायद नहीं, लेकिन उत्तराखंड के बागेश्वर से एक ऐसा ही वाकया सामने आया है जहां के एक सरकारी स्कूल में बेहद अजीब सी घटना घटी। यहां स्कूल की 7 छात्राएं अचानक चिल्लाने लगीं और कुछ ही देर में बेहोश भी हो गईं। छात्राओं की ऐसी हालत देखकर शिक्षक और दूसरे छात्र बेहद डर गए। स्थानीय लोगों के मुताबिक भूत-बाधा के चलते छात्राओं के साथ ये सब हुआ। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।

bageshwar school

मामला बुधवार का बताया जा रहा है। बागेश्वर जिले के इस सरकारी स्कूल के वीडियो में दिखाई दे रहा है कि स्कूल की करीब 6 से 7 छात्राएं अजीब हरकतें कर रही हैं। इन छात्राओं की ऐसी हरकतों के बाद स्कूल में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में शिक्षकों ने छात्राओं के अभिभावकों को बुला लिया। स्थानीय लोगों की मानें तो छात्राओं में भूत प्रेत की बाधा का अंदेशा था इसलिए छात्राओं को काबू में करने की तमाम कोशिशें की गईं। छात्राएं चिल्ला रहीं थी और कुछ बड़बड़ा भी रही थीं। छात्राओं की इन हरकतों से शिक्षकों और अन्य छात्रों में दहशत जबरदस्त दहशत फैल गई। लेकिन ये कोई इस तरह की पहली घटना नहीं है बल्कि इससे पहले अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और चमोली जैसे बागेश्वर के पड़ोसी जिलों के सरकारी स्कूलों से भी इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

ये बीमारी है या भूत-प्रेत का साया

जब मनोवैज्ञानिकों से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि ये ‘मास हिस्टीरिया’ नाम की मानसिक बीमारी के लक्षण हैं। इसमें लोग अचानक असामान्य और अस्वाभाविक व्यवहार करने लगते हैं। ये हरकतें विचारों और भावनाओं या स्वास्थ्य कारणों की वजह से सामने आ सकती हैं। डॉक्टर इसे एक तरह की मेंटल हेल्थ कंडीशन भी बताते हैं।