सहारनपुर। यूपी के देवबंद स्थित दारुल उलूम अपने फतवों के लिए आए दिन चर्चा में रहता है। दारुल उलूम के कई फतवों पर सवाल भी खड़े हो चुके हैं। अब देवबंद के दारुल उलूम ने एक मसले पर फतवा देने के लिए नया नियम बनाया है।
देवबंद के दारुल उलूम ने फैसला किया है कि अगर कोई तीन तलाक पर फतवा मांगता है, तो उसे अपनी आईडी भी देनी होगी। दारुल उलूम ने तीन तलाक पर आईडी मांगने का फैसला इस वजह से किया है, क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार ने 2019 को कानून पास कर तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित किया था। तीन तलाक देने वालों को कानून के तहत जेल भेजने का प्रावधान भी किया गया है। जानकारी के मुताबिक तीन तलाक पर अब फतवे के लिए सवालों की तादाद भले ही कम हो गई हो, लेकिन फिर भी कुछ लोग सवाल भेजते हैं। दारुल उलूम में कोई भी मुस्लिम फतवे के लिए ऑनलाइन सवाल भेज सकता है। दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने मीडिया को बताया कि तीन तलाक पर जो भी बिना आईडी सवाल भेजते हैं, उनको जवाब नहीं दिया जाता।
मौलाना नोमानी ने बताया कि आईडी भेजने पर ही तीन तलाक पर संबंधित व्यक्ति को दारुल उलूम की तरफ से जवाब दिया जाता है। दारुल उलूम देवबंद दुनियाभर में प्रसिद्ध इस्लामी शिक्षण संस्थान है। यहां देश के अलावा विदेश से भी इस्लाम की शिक्षा लेने के लिए छात्र आते हैं। दारुल उलूम का फतवा विभाग भी काफी चर्चा में रहता है। यहां के मुफ्तियों के दिए फतवे मुस्लिम आंख बंद कर मानते रहे हैं। हालांकि, मुस्लिम महिलाओं के लिए आईब्रो बनवाने, वैक्सिंग कराने और नेल पॉलिश लगाने को गैर इस्लामिक बताकर दारुल उलूम विवादों में भी रहा है। दारुल उलूम ने ये फतवा भी दिया था कि मुस्लिम महिलाएं बाल न कटवाएं और शरीर से चिपका बुर्का या कपड़े भी न पहनें। गैर मर्द के हाथ चूड़ी पहनने और सोशल मीडिया पर मुस्लिम महिलाओं के फोटो और वीडियो डाले जाने को भी दारुल उलूम ने गैर इस्लामी करार दिया था।