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बंगाल में कोरोना का कहर : वरिष्ठ सरकारी डॉक्टर की मौत, ममता बनर्जी ने किया सलाम

पश्चिम बंगाल में सरकारी अस्पताल के एक सीनियर डॉक्टर की मौत हो गई है। 60 साल के बिपल्ब कांति दासगुप्ता स्वास्थ्य सेवाओं के सहायक निदेशक थे।

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सरकारी अस्पताल के एक सीनियर डॉक्टर की मौत हो गई है। 60 साल के बिपल्ब कांति दासगुप्ता स्वास्थ्य सेवाओं के सहायक निदेशक थे। कोरोनो पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें सबसे पहले बेलियाघाटा के इनफेक्शियस डिजीज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। बाद में 18 अप्रैल को उन्हें सॉल्ट लेक में एक प्राइवेट हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया।

डॉक्टर को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। अस्पताल में भर्ती होने के बाद से वे लगातार वेंटिलेटर पर थे। रविवार सुबह 1 बजकर 20 मिनट पर उनका निधन हो गया।

राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके बलिदान को सलाम किया है। ट्विट करते हुए उन्होंने लिखा। ‘उनके असामयिक निधन से हमें गहरा दुख हुआ है। मानवता के लिए उनका बलिदान हमेशा हमारे दिलों में रहेगा। हमारे कोरोना के योद्धा अब और भी अधिक दृढ़ संकल्प के साथ लड़ेंगे।’

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सॉल्ट लेक के हॉस्पिटल में रविवार को एक और कोरोना के मरीज की मौत हो गई। 34 साल के इस शख्स को 23 अप्रैल को हॉस्पिॉल में भर्ती कराया गया था। इन्हें में सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। इन दो लोगों की मौत के बाद वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों से संपर्क करने की कई कोशिशों के बावजूद उनका कोई जवाब नहीं मिल सका।

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हालांकि एक अधिकारी ने अपना नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि मौत की वजह की अभी जांच की जा रही है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पश्चिम बंगाल में कोविड-19 संक्रमण के अब तक 154 मामले सामने आए हैं जिनमें से 18 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य सरकार ने यह पता लगाने के लिए एक समिति गठित की है कि मरीज की मौत कोरोना वायरस के कारण हुई है या पहले ही मौजूद किसी अन्य बीमारी के कारण। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार राज्य में कोविड-19 के 571 मरीज हैं।

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