नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के साथ सीमा पर तनवापूर्ण हालात के बीच बुधवार को वायुसेना की सामरिक क्षमताओं और अग्रिम ठिकानों पर तैनाती की समीक्षा की। सिंह ने वायुसेना से यह भी आग्रह किया कि चीन के साथ सीमा पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें। रक्षामंत्री ने नई दिल्ली में वायुसेना कमांडरों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया, जो बुधवार को शुरू हुआ। मंत्री ने पिछले कुछ महीनों के दौरान अपनी सामरिक क्षमता बढ़ाने में आईएएफ के सक्रिय कदम की सराहना की।
उन्होंने कहा कि आईएएफ ने बालाकोट में जिस पेशेवर तरीके से एयर स्ट्राइक की थी और पूर्वी लद्दाख में मौजूदा हालात के जवाब में अग्रिम ठिकानों पर आईएएफ ने जिस तरह त्वरित तैनाती की, उससे देश के दुश्मनों को एक कड़ा संदेश गया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि संप्रभुता की रक्षा का राष्ट्र का संकल्प उस विश्वास पर टिका है, जो देश के लोग अपने सशस्त्र बलों की क्षमता पर करते हैं। उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों को हटाने के लिए जारी प्रयासों का जिक्र किया और आईएएफ से तैयार रहने का आग्रह किया।
Addressing his commanders, Air Force Chief RKS Bhadauria said, the IAF was well prepared to counter short term as well as strategic threats, and the units were evenly poised to counter any aggressive action by the adversary. pic.twitter.com/zs3wvPN3a1
— ANI (@ANI) July 22, 2020
उन्होंने कोविड-19 महामारी के प्रति राष्ट्र की प्रतिक्रिया में योगदान और कई मानवीय सहायता एवं आपदा राहत मिशनों के दौरान निभाई गई भूमिका के लिए आईएएफ की सराहना की। उन्होंने रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने की आवश्यकता को रेखांकित किया और कहा कि इस एयर फोर्स कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के लिए चुना गया थीम ‘आईएएफ इन नेक्स्ट डिकेड’ आने वाले दिनों में स्वदेशीकरण की दिशा में प्रयासों को बढ़ाने के बहुत अनुरूप है।
राजनाथ ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति और सैन्य मामलों का विभाग बनाए जाने के बाद से तीनों सेनाओं के बीच सामंजस्य और एकता बढ़ाने की दिशा में हुई प्रगति की सराहना की। राजनाथ सिंह ने प्रौद्योगिकी में बदलावों को अपनाने और नैनो टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर और अंतरिक्ष डूमैन्स में उभरती क्षमताओं को अपनाने में वायुसेना की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कमांडरों को आश्वस्त किया कि सशस्त्र बलों की सभी जरूरतें, चाहे वित्तीय हों या अन्य, पूरी की जाएंगी।
चीफ ऑफ एयर स्टाफ, एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया ने अपने संबोधन में कहा कि आईएएफ दुश्मनों की किसी भी आक्रामक कार्रवाई का संक्षिप्त समय में जवाब देने के लिए अच्छी तरह तैयार है। तीन दिनों के इस सम्मेलन के दौरान कमांडर मौजूदा सामरिक परिदृश्य और तैनातियों की समीक्षा करेंगे, और उसके बाद सभी उभरते खतरों से निपटने के लिए अगले दशक में आईएएफ की क्षमता विकसित करने पर चर्चा करेंगे।
बता दें कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों द्वारा किए गए एक क्रूर हमले में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। भारतीय जवानों की जवाबी कार्रवाई में चीन को भी भारी नुकसान पहुंचा। इस घटना के बाद भारत ने एलएसी पर भारी तैनाती की है। वायुसेना के जंगी जहाजों को तैनात किया गया है। आने वाले दिनों में राफेल लड़ाकू विमानों की भी तैनाती की जाएगी।