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Uttrakhand: देहरादून-मसूरी एरियल पैसेंजर रोपवे को मिली केंद्र की मंजूरी, सीएम तीरथ सिंह रावत ने जताया पीएम का आभार

Uttrakhand: केंद्रीय कैबिनेट बैठक में देहरादून-मसूरी के बीच 5580 मीटर लंबे एरियल पैसेंजर रोपवे सिस्टम के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की मसूरी में 1500 वर्ग मीटर भूमि को बाजार दरों पर उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसपर केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

नई दिल्ली। आज भारत सरकार की कैबिनेट मीटिंग में देहरादून-मसूरी के बीच एरियल पैसेंजर रोपवे सिस्टम के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की मसूरी में 1500 वर्ग मीटर भूमि को बाज़ार दरों पर उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित मंजूरी दिया है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह व केन्द्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल का आभार व्यक्त किया।

Uttarkhand CM Tirath Singh Rawat

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है। राज्य के विकास में उनका मार्गदर्शन और सहयोग हमेशा मिलता है। इस रोपवे के बनने के बाद राज्य के पर्यटन पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। पर्यटकों को बड़ी सुविधा मिलेगी। यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का एक बड़ा केंद्र होगा और इससे राज्य के विकास को भी गति मिलेगी।

देहरादून-मसूरी एरियल पैसेंजर रोपवे के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक ने भी जताया प्रधानमंत्री का आभार

केंद्रीय कैबिनेट बैठक में देहरादून-मसूरी के बीच 5580 मीटर लंबे एरियल पैसेंजर रोपवे सिस्टम के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की मसूरी में 1500 वर्ग मीटर भूमि को बाजार दरों पर उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसपर केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

Ramesh Pokhariyal Nishank

निशंक ने कहा कि इस परियोजना से उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा एवं विकास को मजबूती मिलेगी।

निशंक ने कहा कि भारत सरकार की इस परियोजना को पीपीपी मोड के तहत विकसित किया जाएगा। इसके लोअर टर्मिनल की ऊँचाई 958.20 मीटर होगी। अपर टर्मिनल स्टेशन की ऊँचाई 1996 मीटर है। 258 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस रोपवे की यात्री वहन क्षमता एक तरफ से 1000 यात्री प्रति घंटा है। इस रोपवे के बनने के बाद राज्य के पर्यटन पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का एक बड़ा केंद्र होगा और इससे राज्य के विकास को भी गति मिलेगी।

Ramesh Pokhariyal Nishank

देहरादून-मसूरी रोपवे परियोजना की परिकल्पना इस प्रकार की गई है की वह उत्तराखंड राज्य में पर्यटन के लिए अवसंरचनात्मक उत्कृष्टता का नमूना बने। यह विश्व का पांचवा सबसे लंबा मोनो-केबल डीटैचेबल पैसेंजर रोपवे में से एक होगा। इसका काम पूरा हो जाने पर यह देहरादून से मसूरी की यात्रा का समय घटकर 20 मिनट कर देगा। इस परियोजना के सार्वजनिक-निजी (पीपीपी) भागीदारी परियोजना होने के कारण, यह राज्य सरकार के लिए राजस्व का प्रमुख स्त्रोत बनेगा। यह रोपवे हर मौसम के अनुकूल होगा और यह विश्व स्तरीय अवसंरचना घरेलू और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करेगी एवं राज्य की जीडीपी में योगदान देगी।

केंद्र सरकार की इस परियोजना के माध्यम से 350 प्रत्यक्ष रोजगार और 1500 से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस परियोजना की मदद से हम उत्तराखंड में बढ़ते प्रदूषण को भी रोक सकेंगे। उन्होनें कहा, “मैं प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने इस परियोजना के लिए आईटीबीपी की जमीन के हस्तांतरण को समय पर मंजूरी दे दी। इससे इस परियोजना को जल्दी खत्म करने में काफी मदद मिलेगी।”