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कोविड-19 : दिल्ली के 3 लग्जरी होटलों में एकांतवास की सुविधा

मुख्यमंत्री ने कहा, होटल में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर के लिए विदेशों से आ रहे इन लोगों को बाकायदा अपनी जेब से होटल के किराए का भुगतान करना होगा। अपनी जेब से होटल का भुगतान करने पर ये लोग होटलों में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर में 14 दिनों तक रुक सकते हैं।

नई दिल्ली। विदेशों से आने वाले व्यक्ति कोरोना वायरस से बचाव के लिए यहां के तीन लग्जरी होटल में ठहर सकते हैं, यहां आइसोलेशन (एकांतवास) की सुविधा है। इस सुविधा के लिए उन्हें अपनी जेब से भुगतान करना पड़ेगा। दिल्ली सरकार ने तीन ऐसे होटलों का चयन किया है, जहां कोरोनावायरस के संभावित संक्रमित लोगों को 14 दिनों के लिए आइसोलेशन में रखा जा सकता है। Arvind-kejriwal

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को प्रेसवार्ता के दौरान कहा, ”ऐसा सुनने में आया है कि विदेशों से आ रहे कई लोग जो कि संपन्न वर्ग से हैं, उन्हें सरकारी आइसोलेशन सेंटर में वह सुविधाएं नहीं मिल रही, जो सुविधाएं वे चाहते हैं। इसे देखते हुए हमने विदेशों से आ रहे इन लोगों को आइसोलेशन में रखने के लिए तीन होटल बुक किए हैं।” मुख्यमंत्री ने कहा, होटल में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर के लिए विदेशों से आ रहे इन लोगों को बाकायदा अपनी जेब से होटल के किराए का भुगतान करना होगा। अपनी जेब से होटल का भुगतान करने पर ये लोग होटलों में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर में 14 दिनों तक रुक सकते हैं।

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केजरीवाल ने कहा, दिल्ली सरकार ने इस प्रकार की लग्जरी आइसोलेशन सुविधा देने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट के नजदीक तीन होटलों की व्यवस्था की है। इनमें लेमन ट्री होटल, आईबिस होटल और रेड फॉस होटल शामिल हैं। गौरतलब है कि अभी तक देश में यह पहला मौका है, जब कोरोना वायरस के संदिग्ध रोगियों के लिए निजी होटलों में आइसोलेशन सेंटर बनाए गए हैं। इन होटलों में ठहरने के लिए उहें 3100 रुपये प्रतिदिन की दर से भुगतान करना होगा।

दिल्ली सरकार का कहना है कि सरकारी आइसोलेशन सेंटर में लोगों को सभी मूलभूत सुविधाएं दी जा रही हैं। मुख्यमंत्री के मुताबिक, सरकारी आइसोलेशन सेंटर में अगर कहीं कोई कमी है तो उसे सही करने का प्रयास किया जाएगा। बावजूद इसके संपन्न वर्ग के कई व्यक्ति लग्जरी सुविधाएं चाहते हैं, जिनके लिए दिल्ली सरकार ने तीन अलग-अलग होटलों में यह आइसोलेशन सेंटर बनाने का फैसला किया है। इससे पहले इटली व अन्य देशों से आए कई भारतीयों ने सरकारी आइसोलेशन केंद्र में रखे जाने के दौरान काफी हंगामा किया था।

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आइसोलेशन में ठहराए गए इन लोगों की मांग थी कि उन्हें अलग-अलग निजी कक्ष दिए जाएं। इसके अलावा भी इन लोगों ने अन्य कई प्रकार की लग्जरी सुविधाओं की मांग की थी। इसी प्रकार की मांगों को देखते हुए अब दिल्ली सरकार ने होटलों के अंदर आइसोलेशन केंद्र बनाने का फैसला किया है। विदेशों से आने वाले लोग स्वयं भुगतान करके यहां डॉक्टरों की निगरानी में दो सप्ताह तक रह सकते हैं। इस दौरान होटल में अन्य सामान्य लोगों का प्रवेश वर्जित होगा।

उन्होंने विदेश से आने वाले लोगों का हवाला देते हुए कहा कि जिन्हें ‘उच्च-स्तरीय सुविधाओं की आवश्यकता होती है’ उनके लिए ये विकल्प रखा गया है। “दल्ली सरकार ने हवाईअड्डे के पास के तीन होटलों को एकनिश्चित कीमत पर, इस उद्देश्य के लिए 182 कमरों को अलग करने के लिए कहा है।”

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केजरीवाल ने कहा कि सरकार के पास किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए शहर में पर्याप्त 500 बेड हैं। उन्होंने कहा कि जहां भी मरीजों को अलग-थलग करने की जरूरत है, सरकार उसके लिए व्यवस्थाएं कर रही है। केजरीवाल ने कहा, “हम घर पर संगरोध में रह रहे लोगों पर भी नजर रख रहे हैं, जिन्हें घर पर अलग-थलग रखा गया है। हम उनसे अनुरोध कर रहे हैं कि वे कोरोनोवायरस को फैलने न दें।”