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दिल्ली में कोरोना का गिरता ग्राफ, कहीं केजरीवाल सरकार के आंकड़ों की जादूगरी तो नहीं, जानिए…

टेस्टिंग में बढ़ोतरी और पॉजिटिविटी रेट में गिरावट के पीछे तेजी से बढ़ाए गए एंटीजन टेस्ट कारण हैं- जो बहुत भरोसेमंद नहीं माने जाते हैं। दिल्ली में पहले एक दिन में 7,000 टेस्टिंग हो रही थी।

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामलों को लेकर केजरीवाल सरकार लगातार दावे कर रही है कि दिल्ली मे कोरोना के मामले अब उतनी रफ्तार के साथनहीं आ रहे हैं, लेकिन इन दावों को लेकर सवाल भी उठाए जा रहे हैं। इन सवालों को केंद्र बिंदु दिल्ली में हो रहे एंटीजन टेस्ट है। सोमवार को दिल्ली सरकार के टेस्टिंग मेथड को लेकर सवाल उठाते हुए कोर्ट ने पूछा था कि दिल्ली में सर्वमान्य मानक PCR टेस्ट की बजाय एंटीजन टेस्ट क्यों कराए जा रहे हैं?

delhi corona

बता दें कि दुनियाभर में एंटीजन टेस्ट को बहुत भरोसेमंद नहीं माना जाता है क्योंकि कई मेडिकल स्टडी में यह साबित हुआ है कि प्रति 100 संक्रमित लोगों में से एंटीजन बस 40 मरीज़ों को ही पकड़ पाता है, बाकी 60 मरीजों को कोविड-मुक्त बता देता है। हालांकि, दिल्ली में कोरोनवायरस की वास्तविकता पर एक स्टडी में सामने आया है कि यहां पर कोरोना को लेकर अच्छी और बुरी दोनों खबर है, और हां, अच्छी खबर उतनी अच्छी भी नहीं है, जितना दिल्ली सरकार बता रही है।

delhi corona

राजधानी में टेस्टिंग बढ़ी है, जो अच्छी खबर है। एक महीने पहले यहां 15,000 टेस्टिंग प्रति दिन हो रही थी, जो अब 21,000 है, यानी दोगुनी लगभग दोगुनी टेस्टिंग। टेस्टिंग में बढ़ोतरी के साथ दिल्ली सरकार की ओर से रिलीज़ आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने पॉजिटिविटी रेट 22 फीसदी था, जो अब 6 फीसदी हो गया है। पॉजिटिविटी रेट कम होने का मतलब है कि वायरस का संक्रमण फैलने की दर में कमी आई है।

Delhi corona test

टेस्टिंग में बढ़ोतरी और पॉजिटिविटी रेट में गिरावट के पीछे तेजी से बढ़ाए गए एंटीजन टेस्ट कारण हैं- जो बहुत भरोसेमंद नहीं माने जाते हैं। दिल्ली में पहले एक दिन में 7,000 टेस्टिंग हो रही थी। जो अब एंटीजन टेस्ट के कारण एक दिन में 14,000 हो गई है। लेकिन इसके साथ ही, यह दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि राज्य में एंटीजन टेस्टिंग बढ़ने के साथ ही पीसीआर टेस्ट- जो मानक टेस्टिंग विधि मानी जाती है- में कमी आई है। पहले एक दिन में 8,000 पीसीआर टेस्ट हो रहे थे, जो घटकर 5,000 पर आ गए।

Antgen vs PCR

इसका मतलब है कि दोनों टेस्टिंग मेथड को मिलाकर जो नतीजे आएंगे, वो पूरी तरह से सही नहीं होंगे। सीधा मतलब है कि पॉजिटिविटी रेट में कमी के पीछे एंटीजन टेस्टिंग है, जिसके नतीजों के बारे में मेडिकल स्टडीज़ तक में कहा गया है कि इसमें गलत नतीजे आने का 50 से 60 फीसदी चांस होता है। वहीं दिल्ली में कोरोना के हालात की बात करें तो दिल्ली में अभी भी कोरोनावायरस तेजी से बढ़ रहा है। यहां पॉजिटिविटी रेट 5-6 फीसदी नहीं, बल्कि दोगुने आंकड़ों 11-12 फीसदी के आसपास चल रहा है। ये पूरे देश के पॉजिटिविटी रेट के 11-12 फीसदी के बराबर ही है हालांकि, (पीसीआर टेस्टिंग के नतीजों पर नज़र डालें तो) पिछले महीने के 34 फीसदी पॉजिटिविटी रेट के मुकाबले अब यह दर 11 फीसदी पर आ गई है।