
नई दिल्ली। दिल्ली में लगातार तीसरी बार मेयर चुनाव की प्रक्रिया को रद्द किया गया सदन में हंगामे और नारेबाजी के बीच यह फैसला किया गया है। भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों एक दूसरे के ऊपर पार्षदों को खरीदने और बेचने का आरोप लगा रहे हैं। डीएमसी अधिनियम 1957 के अनुसार, महापौर और उप महापौर का चुनाव निकाय चुनावों के बाद होने वाले पहले सदन में होता है। बहरहाल, नगर निकाय चुनाव हुए दो महीने हो चुके हैं और दिल्ली को अभी मेयर मिलना बाकी है।
#WATCH | MCD mayor election called off for the third time after ruckus in the Delhi Civic Centre. pic.twitter.com/irCfHIoycP
— ANI (@ANI) February 6, 2023
आपको बता दें कि पीठासीन अधिकारी ने कहा कि जिन लोगों को वोट नहीं करना है वह सदन से बाहर जाएं, इसके बाद से हंगामा तेज हो गया है। आप पार्षद लगातार वापस जाओ, वापस जाओ के नारे लगा रहे हैं। बढ़ते हंगामे के चलते पीठासीन अधिकारी ने सदन को अगली तिथि के लिए स्थगित कर दिया और इस तरह आज भी मेयर का चुनाव नहीं कराया जा सका।
गौरतलब है कि 10 मिनट के स्थगन के बाद पीठासीन अधिकारी सदन में फिर से अपनी चेयर पर लौटीं। स्थाई समिति की पूर्व अध्यक्ष रहीं भाजपा पार्षद शिखा राय ने पीठासीन अधिकारी के सामने मांग रखी है कि आम आदमी पार्टी के दो विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी व एक अन्य के खिलाफ मामला दर्ज है इसलिए उन्हें वोट देने का हक ना दिया जाए। इसके बाद सदन में फिर से हंगामा अधिक जोर पकड़ने लगा।