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Delhi NCB Action: दिल्ली एनसीबी के हाथ लगी बड़ी कामयाबी, केटामाइन की तस्करी का भंडाफोड़, 76.58 लाख रुपये किए गए फ्रीज

Delhi NCB Action: केटामाइन को एनडीपीएस एक्ट 1985 के तहत मादक पदार्थों की सूची में रखा गया है। यह पदार्थ उच्च दुरुपयोग और लत लगाने की संभावना के कारण प्रतिबंधित है। इसके बिना लाइसेंस या वैध डॉक्टर की पर्ची के बिना कब्जा, बिक्री, खरीद, परिवहन और सेवन कानूनन अपराध है। एनडीपीएस एक्ट की धारा 22 के तहत इसके वाणिज्यिक मात्रा में अपराध के लिए न्यूनतम 10 साल और अधिकतम 20 साल की सजा और ₹2 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।

नई दिल्ली। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की दिल्ली जोनल यूनिट ने वित्तीय जांच के दौरान शौकत हुसैन शाह उर्फ तहमिल हुसैन उर्फ विनोद और उनके सहयोगी इरफान अहमद शांगलू के 10 बैंक खातों से कुल ₹76,58,886/- की राशि फ्रीज कर दी है। यह कार्रवाई एनडीपीएस एक्ट 1985 की धारा 68F (1) के तहत की गई।

गुप्त सूचना पर कार्रवाई

इससे पहले 23 अगस्त 2023 को एनसीबी को एक गुप्त सूचना के आधार पर दिल्ली स्थित एक कुरियर कंपनी से एक संदिग्ध पार्सल को रोका गया। जांच के दौरान पार्सल से 824 ग्राम केटामाइन बरामद हुआ। इसके बाद, 24 अगस्त 2023 को एक और पार्सल को पकड़ा गया, जिसमें से 998.2 ग्राम केटामाइन जब्त किया गया।

आरोपियों की गिरफ्तारी और केटामाइन बरामदगी

जांच के दौरान, इन पार्सलों के भेजने वाले शौकत हुसैन शाह को गिरफ्तार किया गया। उनकी निशानदेही पर दिल्ली स्थित उनके किराए के मकान से 8.830 किलोग्राम केटामाइन बरामद किया गया। आगे की जांच में उनके सहयोगी इरफान अहमद शांगलू को भी 4 दिसंबर 2023 को गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल दोनों आरोपी तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।

क्या है NCB?

एनसीबी, यानी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, भारत सरकार की एक प्रमुख एजेंसी है जो देश में मादक पदार्थों की तस्करी और अवैध उपयोग को रोकने के लिए काम करती है। इसकी स्थापना 1986 में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट 1985 के तहत की गई थी। यह एजेंसी मादक पदार्थों से जुड़े अपराधों की जांच, तस्करों की गिरफ्तारी, और अवैध गतिविधियों से अर्जित संपत्तियों को जब्त करने का कार्य करती है। एनसीबी अंतरराष्ट्रीय संगठनों और अन्य देशों की एजेंसियों के साथ मिलकर ड्रग तस्करी के नेटवर्क को खत्म करने के लिए भी प्रयासरत रहती है।

केटामाइन है एक प्रतिबंधित पदार्थ

केटामाइन को एनडीपीएस एक्ट 1985 के तहत मादक पदार्थों की सूची में रखा गया है। यह पदार्थ उच्च दुरुपयोग और लत लगाने की संभावना के कारण प्रतिबंधित है। इसके बिना लाइसेंस या वैध डॉक्टर की पर्ची के बिना कब्जा, बिक्री, खरीद, परिवहन और सेवन कानूनन अपराध है। एनडीपीएस एक्ट की धारा 22 के तहत इसके वाणिज्यिक मात्रा में अपराध के लिए न्यूनतम 10 साल और अधिकतम 20 साल की सजा और ₹2 लाख तक का जुर्माना हो सकता है। एनसीबी ने आरोपियों के बैंक खातों की जांच में यह पाया कि इन खातों में जमा राशि मादक पदार्थों के अवैध व्यापार से प्राप्त की गई थी। इस आधार पर यह राशि जब्त की गई।

दोनों आरोपियों के खिलाफ 15 फरवरी 2024 को इस मामले में शिकायत दर्ज की गई थी। एनसीबी ने मामले की गहन जांच करते हुए इसे मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ बड़ी सफलता करार दिया है।