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Delhi Police Reached At Justice Yashwant Verma’s House : कैश बरामदगी मामले में जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पहुंची दिल्ली पुलिस की टीम ने की कार्रवाई

Delhi Police Reached At Justice Yashwant Verma’s House : पुलिस अधिकारियों ने जिस जगह पर आग लगी थी और जहां नोट मिलने की बात कही जा रही है उसे सील कर दिया है। दिल्ली पुलिस द्वारा की गई इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई है ताकि जांच कमेटी को दिखाया जा सके। इससे पहले मंगलवार को तीन जजों की जांच कमेटी ने भी जस्टिस यशवंत वर्मा के घर का निरीक्षण किया था।

नई दिल्ली। जस्टिस यशवंत वर्मा के घर कैश बरामदगी मामले में पड़ताल के लिए आज दिल्ली पुलिस की टीम उनके आवास पहुंची। डीसीपी नई दिल्ली देवेश कुमार महला और एसएचओ तुगलक रोड भी पुलिस टीम में मौजूद रहे। जस्टिस वर्मा के घर पहुंचकर पुलिस अधिकारियों ने जिस जगह पर आग लगी थी और जहां नोट मिलने की बात कही जा रही है उसे सील कर दिया है। दिल्ली पुलिस द्वारा की गई इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई है ताकि जांच कमेटी को दिखाया जा सके। इससे पहले मंगलवार को तीन जजों की जांच कमेटी ने भी जस्टिस यशवंत वर्मा के घर का निरीक्षण किया था।

ऐसा बताया जा रहा है कि जांच कमेटी ने अपनी पड़ताल के बाद दिल्ली पुलिस को यह आदेश दिया था कि वो जस्टिस वर्मा के घर के उस हिस्से को सील कर दे जहां आग लगी थी। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के द्वारा गठित जांच कमेटी में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जीएस संधावालिया और कर्नाटक हाई कोर्ट की जज अनु शिवरामन को शामिल किया गया है। उधर, जस्टिस वर्मा का तबादला इलाहाबाद हाईकोर्ट किए जाने की सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश के विरोध में वकीलों की हड़ताल आज भी जारी है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के आह्वान पर बड़ी संख्या में वकील सुबह ही हाईकोर्ट के गेट नंबर 3 पर इकट्ठा होने लगे और इसके बाद वहां विरोध प्रदर्शन किया। बार एसोसिएशन ने सीजेआई जस्टिस संजीव खन्ना से सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है। सुप्रीम कोर्ट में कुछ वकीलों के द्वारा एक याचिका भी दायर की गई है जिसमें जस्टिस वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग उठाई है। याचिका में कहा गया है कि अगर किसी अफसर या नेता के घर पर नकदी बरामद होती तो उसके खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज हो जाती मगर हाईकोर्ट जज के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हुई, ऐसा क्यों?