
नई दिल्ली। जस्टिस यशवंत वर्मा के घर कैश बरामदगी मामले में पड़ताल के लिए आज दिल्ली पुलिस की टीम उनके आवास पहुंची। डीसीपी नई दिल्ली देवेश कुमार महला और एसएचओ तुगलक रोड भी पुलिस टीम में मौजूद रहे। जस्टिस वर्मा के घर पहुंचकर पुलिस अधिकारियों ने जिस जगह पर आग लगी थी और जहां नोट मिलने की बात कही जा रही है उसे सील कर दिया है। दिल्ली पुलिस द्वारा की गई इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई है ताकि जांच कमेटी को दिखाया जा सके। इससे पहले मंगलवार को तीन जजों की जांच कमेटी ने भी जस्टिस यशवंत वर्मा के घर का निरीक्षण किया था।
Delhi: A Delhi Police team, including DCP New Delhi Devesh Kumar Mahla and SHO Tughlak Road, has reached the residence of Justice Yashwant Varma pic.twitter.com/NWH0FLuW2t
— IANS (@ians_india) March 26, 2025
ऐसा बताया जा रहा है कि जांच कमेटी ने अपनी पड़ताल के बाद दिल्ली पुलिस को यह आदेश दिया था कि वो जस्टिस वर्मा के घर के उस हिस्से को सील कर दे जहां आग लगी थी। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के द्वारा गठित जांच कमेटी में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जीएस संधावालिया और कर्नाटक हाई कोर्ट की जज अनु शिवरामन को शामिल किया गया है। उधर, जस्टिस वर्मा का तबादला इलाहाबाद हाईकोर्ट किए जाने की सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश के विरोध में वकीलों की हड़ताल आज भी जारी है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के आह्वान पर बड़ी संख्या में वकील सुबह ही हाईकोर्ट के गेट नंबर 3 पर इकट्ठा होने लगे और इसके बाद वहां विरोध प्रदर्शन किया। बार एसोसिएशन ने सीजेआई जस्टिस संजीव खन्ना से सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है। सुप्रीम कोर्ट में कुछ वकीलों के द्वारा एक याचिका भी दायर की गई है जिसमें जस्टिस वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग उठाई है। याचिका में कहा गया है कि अगर किसी अफसर या नेता के घर पर नकदी बरामद होती तो उसके खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज हो जाती मगर हाईकोर्ट जज के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हुई, ऐसा क्यों?