
नई दिल्ली। महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में 33 फीसदी रिजर्वेशन देने की दिशा में मोदी सरकार तेजी से काम करने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक जनगणना का काम खत्म होने के साथ ही लोकसभा और विधानसभा सीटों का परिसीमन भी तत्काल शुरू किया जाएगा। इससे साल 2029 में होने वाले लोकसभा चुनाव में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें रिजर्व किया जाना संभव होगा। मोदी सरकार ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीट आरक्षित करने वाले कानून को पास कराने के दौरान वादा किया था कि इसे 2029 के लोकसभा चुनाव से लागू कर दिया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक जनगणना का काम जल्दी ही शुरू होने वाला है। केंद्र सरकार जनगणना के काम को 2027 के मध्य तक हर हाल में पूरा करना चाहती है। जनगणना के आंकड़े आने के साथ ही चुनाव आयोग लोकसभा के साथ ही विधानसभा सीटों का नए सिरे से परिसीमन करेगा। साल 2011 में जनगणना के आधार पर लोकसभा में 543 सीट तय की गई थीं। संविधान में कहा गया है कि भारत के किसी राज्य की विधानसभा में कम से कम 60 और अधिकतम 500 सीट होनी चाहिए। पिछले परिसीमन के अनुसार यूपी में सबसे ज्यादा जनसंख्या होने के नाते 85 लोकसभा सीट हैं। जबकि, यूपी की विधानसभा में 403 सीट हैं। माना जा रहा है कि जनसंख्या के ताजा आंकड़ों के हिसाब से परिसीमन के बाद यूपी में लोकसभा सीटों की संख्या 130 के आसपास हो सकती हैं।
128वें संविधान संशोधन के जरिए मोदी सरकार ने साल 2023 में महिला आरक्षण का बिल संसद से पास कराया था। इससे पहले तमाम सरकारों के दौर में महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में 33 फीसदी आरक्षण का बिल लाने की कोशिश की गई, लेकिन इस पर कोई सर्वसम्मति नहीं बन सकी थी। सपा के सांसदों ने तो एक बार बिल की प्रति तक छीनकर फाड़ दी थी। सपा के अलावा आरजेडी भी पहले महिला आरक्षण बिल के खिलाफ रही। मोदी सरकार ने इस बिल को बहुमत से लोकसभा में पास कराने के अलावा राज्यसभा से भी पास कराया। इस तरह अब 2029 में महिलाओं को पहले लोकसभा और उसके बाद तमाम राज्यों की विधानसभाओं में 33 फीसदी आरक्षण मिलेगा। इससे महिलाओं का सशक्तिकरण होगा और वे देश के विकास में अपनी भूमिका और ठोस तरीके से निभा सकेंगी।