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Delhi: CM केजरीवाल ‘तीर्थयात्रा ट्रेन’ को दिखाएंगे हरी झंडी, बुर्जुग यात्री होंगे रामलला के दर्शन के लिए रवाना

mukhyamantri tirth yatra yojana :तो दिल्ली सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का नाम मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना है। इस योजना के अंतर्गत सरकरार की तरफ से राजधानी के बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन का प्रस्ताव किया गया है। वैसे तो इस योजना का शुभारंभ सरकार की तरफ से जनवरी 2019 में की गई थी।

नई दिल्ली। तो क्या अब यह कहा जाए कि उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बीजेपी को उसी की भाषा में जवाब देने के लिए तैयार हो चुके हैं? लोहा लोहे को ही काटता है। इसी कहावत को चरितार्थ करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल जिस तरह से मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना के तहत आज 1 हजार बुजुर्ग यात्रियों के जत्थे को रवाना करने जा रहे हैं, उसे ध्यान में रखते हुए केजरीवाल के संदर्भ में इस तरह के सवाल सियासी गलियारों में पूछे जा रहे हैं। खैर केजरीवाल की यह कोशिश कहां तक  कामयाब हो पाती है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन उससे पहले हम आपको राजधानी दिल्ली की जनता के लिए सीएम केजरीवाल की तरफ से शुरू की गई खास योजना के बारे में बताने जा रहे हैं, जो इस समय खासा चर्चा में है और सियासी गलियारों में लोग इसे सियसी चशमे से भी देखना शुरू कर चुके हैं।

CM Arvind Kejriwal

तो दिल्ली सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का नाम मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना है। इस योजना के अंतर्गत सरकार की तरफ से राजधानी के बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन का प्रस्ताव किया गया है। वैसे तो इस योजना का शुभारंभ सरकार की तरफ से जनवरी 2019 में ही किया गया था, लेकिन आज यानी की शुक्रवार को दिल्ली सरकार की तरफ इस योजना को क्रियान्वित किया जा रहा है। बता दें कि आज शाम 6 बजे राजधानी के बुजुर्गों को तीर्थस्थलों का दर्शन कराया जाएगा। इससे पहले  राजधानी के सियासी गलियारों में इस योजना की चर्चा हो रही है, जिसे लेकर सियासत भी होती रही है।

बीजेपी समर्थकों ने दिल्ली सरकार के उक्त योजना के संदर्भ में यह टिप्पणी करने से कोई गुरेज नहीं किया ये बीजेपी के विचारधारा को  हथियाने की उनकी कोशिश है। आइए, आगे इस रिपोर्ट में योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं।दिल्ली सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के अंतर्गत 3 लाख रूपए या उससे कम के खर्च में किए जाने वाले तीर्थ स्थलों को शामिल किया गया है। यह योजना राजधानी के बुजुर्गों के लिए शुरू की गई है, जिसमें कई तीर्थ स्थलों को शामिल किया गया है। मसलन,  वृंदावन, आगरा, फतेहपुर सीकरी, हरिद्वार, ऋषिकेश, नीलकंठ, पुष्कर, अजमेर, अमृतसर, आनंदपुर साहिब, जम्मू-वैष्णो देवी मंदिर है। लेकिन अब इसमें अयोध्या के राम मंदिर को भी शामिल किया गया है।

kejriwal

 प्रति वर्ष प्रति विधानसभा क्षेत्र से 1100 बुजुर्ग कर सकेंगे तीर्थ दर्शन

दिल्ली सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के अंतर्गत प्रति विधानसभा क्षेत्र से 1100 बुजुर्गों तीर्थ स्थलों के दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए आपको ई-पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। हालांकि, आज 1 हजार यात्रियों का जत्था रवाना होगा। इसके अंतर्गत यात्रियों के खाने, रहने, ठहरने जैसी सारी व्यवस्था शामिल है। खैर, अब जैसा कि सियासी गलियारों में बताया जा रहा है कि दिल्ली सरकार ने इस योजना का शुभारंभ सियासी महत्वाकांक्षा से प्रेरित होकर लिया है। अब में उसकी सियासी  हितों की पूर्ति कब तक हो पाती है। क्या उत्तर प्रदेश  समेत अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में उसे इसका फायदा मिलता है कि नुहीं। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।