नई दिल्ली। विकास की दौड़ में पिछड़े आकांक्षात्मक जनपदों और ब्लॉक के बाद अब नगरीय निकायों को भी इस योजना से जोड़ने की तैयारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर नगर विकास विभाग ने प्रदेश के 100 नगरीय निकायों को चिन्हित करने की कार्यवाही शुरू कर दी है। खास बात यह कि इन 100 नगरीय निकायों में नगर पंचायत और नगर पालिका परिषद ही शामिल होंगे। नगर निगमों को इससे अलग रखा जाएगा। प्रारंभिक रूप से तय कार्ययोजना के अनुसार आकांक्षी नगरीय निकाय योजना में मुख्यमंत्री की प्राथमिकता के अनुरूप स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, सड़क, पेयजल, बिजली, सौर ऊर्जा, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास और आधारभूत संरचना विकास से जुड़े मानकों के आधार पर समग्र विकास की कोशिश होगी।
हर सेक्टर के इंडीकेटर तय किए जाएंगे और सभी के लिए अलग-अलग अंक निर्धारित होंगे, जिनके आधार पर इन निकायों के प्रगति की समीक्षा हो सकेगी। आकांक्षी विकास खंडों की तर्ज पर ही इन 100 आकांक्षी नगरीय निकायों की शासन स्तर से सीधी निगरानी होगी। इस नए कार्यक्रम में नगर निगम शामिल नहीं किए जाएंगे, क्योंकि वह पहले ही स्मार्ट सिटी सहित दूसरी योजनाओं से जुड़े हैं, हालांकि नवसृजित स्थानीय निकायों को शामिल करने भी विचार किया जा रहा है। यही नहीं, संभावना इस बात की भी है कि मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना को आकांक्षी नगरीय निकायों में विस्तार दिया जाए।