नई दिल्ली। दिल्ली के बुराड़ी में केदारनाथ मंदिर के निर्माण को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद विवाद और बढ़ गया है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने केदारनाथ मंदिर से जुड़े एक बड़े सोने के घोटाले का आरोप अधिकारियों पर लगाया है। उन्होंने कहा, “केदारनाथ में सोने का घोटाला हुआ है। यह मुद्दा क्यों नहीं उठाया जा रहा है?” उन्होंने आगे सवाल किया, “वहां धोखाधड़ी करने के बाद, अब दिल्ली में केदारनाथ मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। क्या कोई और घोटाला होगा?”
‘केदारनाथ से 228 किलोग्राम सोना गायब’
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के अनुसार, “केदारनाथ से 228 किलोग्राम सोना गायब हो गया है, और आज तक कोई जांच शुरू नहीं की गई है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है? अब, यह कहा जा रहा है कि दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बनाया जाएगा। ऐसा नहीं हो सकता।”
VIDEO | Swami Avimukteshwaranand Saraswati, Shankaracharya of Jyotirmath was at ‘Matoshree’ in Mumbai on request of Shiv Sena (UBT) Chief Uddhav Thackeray. Here’s what he said interacting with the media.
“We follow Hindu religion. We believe in ‘Punya’ and ‘Paap’. ‘Vishwasghat’… pic.twitter.com/AZCJaDfHhi
— Press Trust of India (@PTI_News) July 15, 2024
प्रधानमंत्री मोदी को लेकर जानिए क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में पूछे जाने पर, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, “वे मेरे पास आए और अपना सम्मान व्यक्त किया। हमारी परंपरा के अनुसार, हमने उन्हें आशीर्वाद दिया। नरेंद्र मोदी हमारे दुश्मन नहीं हैं। हम उनके शुभचिंतक हैं और हमेशा उनका भला चाहते हैं। जब वे गलतियाँ करते हैं, तो हम उनके बारे में बोलते हैं।”
अनंत-राधिका के विवाह में पीएम ने लिया आशीर्वाद
प्रधानमंत्री मोदी हाल ही में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शादी के बाद शनिवार, 13 जुलाई, 2024 को आयोजित शुभ आशीर्वाद समारोह में शामिल हुए। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद भी समारोह में मौजूद थे। अनंत और राधिका को आशीर्वाद देने के बाद पीएम मोदी ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से आशीर्वाद लेने के लिए संपर्क किया।
शंकराचार्य का लगातार विरोध
रविवार, 14 जुलाई, 2024 को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने दिल्ली में केदारनाथ मंदिर के निर्माण को लेकर एक बार फिर अपना असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने केदारनाथ धाम के नाम पर राजधानी में मंदिर बनाने की आवश्यकता पर सवाल उठाया। उन्होंने इस कदम को केदारनाथ धाम की पवित्रता और महत्व को कम करने का प्रयास बताया।