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Rahul Vs Modi: क्या भारत जोड़ो यात्रा से PM मोदी के खिलाफ माहौल बना सके राहुल गांधी? ओपिनियन पोल के आंकड़ों से जानिए

कांग्रेस को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से काफी उम्मीदे हैं। कांग्रेस के नेताओं को लगता है कि राहुल गांधी की कन्याकुमारी से कश्मीर की इस यात्रा से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ माहौल बनेगा। इस माहौल के जरिए मोदी को साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में शिकस्त दी जा सकेगी। क्या कांग्रेस के नेताओं की इन उम्मीदों को पर लग सकेंगे?

नई दिल्ली। कांग्रेस को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से काफी उम्मीदे हैं। कांग्रेस के नेताओं को लगता है कि राहुल गांधी की कन्याकुमारी से कश्मीर की इस यात्रा से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ माहौल बनेगा। इस माहौल के जरिए मोदी को साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में शिकस्त दी जा सकेगी। क्या कांग्रेस के नेताओं की इन उम्मीदों को पर लग सकेंगे? क्या राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से वाकई मोदी विरोधी माहौल बन रहा है? इन सवालों का जवाब टीवी चैनल एबीपी न्यूज और सी-वोटर के एक पोल से मिल रहा है। तो चलिए आपको बताते हैं कि इस पोल से राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और मोदी की किस्मत के बारे में क्या जानकारी सामने आई है।

rahul gandhi and modi

एबीपी न्यूज और सी-वोटर के ओपिनियन पोल के नतीजे कांग्रेस के नेताओं की उम्मीदों पर फिलहाल पानी फेरते नजर आ रहे हैं। इस ओपिनियन पोल के मुताबिक अब भी देश में ज्यादातर लोग नरेंद्र मोदी को ही बतौर पीएम देखना चाहते हैं। राहुल गांधी इस ओपिनियन पोल में पीएम पद के प्रत्याशी के तौर पर मोदी से काफी पीछे दिख रहे हैं। ओपिनयन पोल में जहां 60.06 फीसदी लोगों ने एक बार फिर मोदी को बतौर पीएम देखने की इच्छा जताई है। वहीं, राहुल गांधी को पीएम के तौर पर देखने वालों का प्रतिशत महज 29.09 है।

rahul gandhi 32

साल 2022 के सितंबर महीने में भारत जोड़ो यात्रा शुरू होने के बाद नरेंद्र मोदी को पीएम पद पर देखने वालों का प्रतिशत 58.08 था। जबकि, तब राहुल गांधी को 29 फीसदी लोग पीएम पद पर देखना चाहते थे। वहीं, 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले मोदी को पीएम बनते देखने के पक्ष में 50 और राहुल के पक्ष में 38 फीसदी लोग थे। यानी ताजा ओपिनियन पोल में राहुल गांधी और कांग्रेस को भारत जोड़ो यात्रा से ज्यादा फायदा होता नहीं दिख रहा है। ये भी साफ है कि इस यात्रा से राहुल गांधी अभी नरेंद्र मोदी को पीएम पद से हटाने के लिए भरपूर माहौल भी नहीं बना सके हैं।