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क्या हो गया उद्धव को अपनी गलती का एहसास, शिवसेना होगी अब BJP के पाले में शामिल? जरा सुनिए दिलीप केसरकर का बयान

हालांकि,  देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम की कुर्सी पर ही आसीन हुए है। दरअसल, माना जा रहा था कि वे प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन होंगे, लेकिन शिंदे को सीएम पद का कार्यभार सौंपते हुए बीजेपी ने देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम का पद दिया गया है और ऐसे करके बीजेपी ने संतुलन साधने का काम किया है।

नई दिल्ली। जरा ध्यान दीजिएगा…महाराष्ट्र का पूरा राजनीतिक समर हिंदुत्व के एजेंडे को लेकर था। शिंदे गुट का कहना था कि जिस तरह से शिवसेना हिंदुत्व की विचारधारा को तिलांजलि देते हुए कांग्रेस और राकांपा के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी सरकार बनाई है, वह हमें स्वीकार्य नहीं है। शिंदे गुट के बागी विधायकों को यह भी शिकवा था कि शिवसेना ने ना महज हिंदू हदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे के हिंदुत्व के विचारों को तिलांजलि दी है, बल्कि शिवसैनिकों को उपेक्षित भी किया है, जिस तरह कांग्रेस समेत राकांपा के नेताओं के द्वारा शिवसैनिकों का अपमान किया गया था, वह निंदनीय था, लेकिन उद्धव ने कभी-भी इन सभी के विरुद्ध अपने स्वर को मुखर करने का कष्ट नहीं किया, जिसका यह परिणाम हुआ कि शिवसेना में बगावत के सुर बुलंद होते गए और नतीजा यह हुआ कि आज उद्धव ठाकरे को जहां अपनी कुर्सी गंवानी प़ड़ गई तो वहीं बीजेपी को शिंदे गुट के साथ मिलकर फिर महाराष्ट्र में अपनी सरकार बनाने का मौका मिल गया।

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हालांकि, देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम की कुर्सी पर ही आसीन हुए है। दरअसल, माना जा रहा था कि वे प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन होंगे, लेकिन शिंदे को सीएम पद का कार्यभार सौंपते हुए बीजेपी ने देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम का पद दिया गया है और ऐसे करके बीजेपी ने संतुलन साधने का काम किया है। उसके बारे में आगे हम आपको विस्तार से बताएंगे। लेकिन अब शिंदे गुट के कथित प्रवक्ता दिलीप केसरकर ने उद्धव ठाकरे के संदर्भ में बड़ा बयान दिया है।

दिलीप केसरकर ने कहा कि हम आगामी दिनों में उद्धव ठाकरे से विस्तृत चर्चा करेंगे। उनसे बात की जाएगी। वे बड़े नेता है। सम्मानित नेता हैं। उद्धव पार्टी के नेता हैं। अब ऐसे में जिन बागी विधायकों ने उद्धव को खफा कर सरकार बनाई है, अब वही विधायक उद्धव से बात करेंगे। माना जा रहा है कि कल गोवा से सभी विधायक मुंबई के लिए रवाना होंगे। तब उद्धव से बात करने की पूरी योजना बनाई जाएगी। अब ऐसे में देखना होगा कि इस सियासी नाटकिय घटनाक्रम के बाद उद्धव की क्या प्रतिक्रिया रहती है। क्या शिंदे गुट की ओर से उद्धव को बीजेपी के पाले में शामिल करने के लिए मनाया जाएगा। क्या शिंदे गुट की ओर उद्धव को उनके मूल विचारधारा का एहसास दिलाया जाएगा। अब यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।