Connect with us

देश

35 साल से एक दवा से मोतियाबिंद का इलाज कर रहे डॉक्टर बासु, 5 मिनट में असर का दावा

आइसोटीन हर्बल आई ड्राप को आर्युवेदिक तरीके से बनाया गया और डॉ महेंद्र सिंह बासु बीते 35 सालों से इस दवा के जरिए ही कई मरीजों की आँखों की रोशनी वापस ला चुके हैं। खुद बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता और प्रोफेसर यामिनी त्रिपाठी ने आई ड्रॉप पर शोध किया और नतीजा बिल्कुल पॉजिटिव पाया।

Published

नई दिल्ली। आंखें हमारे शरीर का बेहद जरूरी और नाजुक हिस्सा हैं, जिसकी केयर करना रेगुलर बेसिस पर जरूरी है, लेकिन जिस लाइफस्टाइल को हम सभी फॉलो करते हैं, उसमें किसी भी चीज के लिए समय निकाल पाना लगभग नामुमकिन है। ये अनदेखी बड़ी बीमारियों को न्योता दे देती हैं। पहले पूरे दिन लैपटॉप या फोन पर काम करना और फिर आंखों की देखभाल नहीं करना..ये सबसे बड़ा कारण है, आंखों की समस्याओं का। नतीजन छोटी उम्र में आंखों पर चश्मा लगना, आंखों से पानी आना, खुजली होना और कई बड़े दिक्कतें सामने आने लगती हैं,लेकिन क्या आप जानते हैं कि आंखों की मोतियाबिंद और चश्में की समस्या को बिना ऑपरेशन के ठीक किया जा सकता है…सुनने में ये किसी चमत्कार के जैसा लगेगा लेकिन बरेली के ‘डॉ. बासु आई हॉस्पिटल” के डॉक्टर इस बात का दावा करते हैं कि इस आई ड्रॉप से मोतियाबिंद और आंखों से जुड़ी बाकी दिक्कतों को ठीक किया जा सकता है।

आइसोटीन हर्बल आई ड्राप को आर्युवेदिक तरीके से बनाया गया और डॉ महेंद्र सिंह बासु बीते 35 सालों से इस दवा के जरिए ही कई मरीजों की आँखों की रोशनी वापस ला चुके हैं। खुद बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता और प्रोफेसर यामिनी त्रिपाठी ने आई ड्रॉप पर शोध किया और नतीजा बिल्कुल पॉजिटिव पाया। इस आई ड्रॉप पर शोध के लिए  308 मोतियाबिंद से पीड़ित मरीजों को चुना और नतीजा ये रहा है कि लगभग सभी मरीजों की देखने की क्षमता में सुधार देखा गया। तो चलिए खुद डॉक्टर से जानते हैं कि इस आइसोटीन में क्या खास है…

बात अगर आर्युवेद की करें है तो लोगों के मन में ये वहम रहता है कि उसका असर काफी समय बाद देखने को मिलेगा। लेकिन डॉक्टर बासु दावा करते हैं कि आई् ड्रॉप डालने के तुरंत 5 मिनट बाद ही आपको फर्क खुद ब खुद नजर आ जाएगा। ये दवा हर उम्र के बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग बिना किसी परामर्श के इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि ये एक नेचुरल टॉनिक हैं।

डॉक्टर बासु का ये भी दावा है कि ये दवा आंखों से जुड़ी हर समस्या का निदान करती है और उसका कोई दुष्प्रभाव नहीं हैं, वो बीते 35 सालों से इस दवा के जरिए मरीजों का इलाज कर रहे हैं। अभी तक किसी भी तरह की कोई समस्या सामने नहीं आई है। हमने उनसे सवाल किया कि क्या ये दवा टीबी के मरीजों पर भी कारगर होगी..तो सुनिए डॉक्टर ने क्या कहा..

डॉक्टर बासु इस आईड्राप के जरिए पोलियो की तरह अंधेपन का भी नामोनिशान मिटाना चाहते हैं और उनका ये सपना है कि इस दवाई के जरिए हर गरीब इंसान अपनी आंखों का इलाज करा सके। इसके लिए वो लगातार सरकार से मदद की मांग भी कर रहे हैं।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement