डिब्रूगढ़। एक तरफ देशभर में खालिस्तान समर्थकों की धरपकड़ चल रही है, तो दूसरी तरफ सिख फॉर जस्टिस आतंकी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को धमकाने में लगे हैं, हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इसी संगठन के आतंकी ने खालिस्तान समर्थकों पर कार्रवाई करने को लेकर धमकी दी थी और अब असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा को ऐसी ही एक धमकी दी गई है। इस संगठन के आतंकी गुरपतवन पन्नू ने पत्रकारों के जरिए एक वार्ता के दौरान दी है। उसने खालिस्तान समर्थकों को असम में कैद किए जाने के विरोध में मुख्यमंत्री हिमंता को धमकाते हुए कहा, खालिस्तान समर्थकों को गिरफ्तार कर प्रताड़ित किया जाना असम सरकार के लिए ठीक नहीं होगा। ये लड़ाई भारत सरकार और हमारे बीच है, इसमें आपको पड़ने की कोई जरूरत नहीं है। सिख फॉर जस्टिस को सरकार की ओर से भारत विरोधी संगठन करार दिया गया है। लेकिन इसके बावजूद भी इसके लोग देशभर में नेताओं को धमका रहे हैं।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री हिमंता को धमकाते हुए गुरपतवन पन्नू ने कहा, कि वो उनका मकसद पंजाब को भारत से अलग कर आजादी दिलाना है। जैसा कि खालसा के नियम कहते हैं, वो खालिस्तान की मांग शांतिपूर्ण ढंग से उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन इसके लिए आपको खालिस्तान समर्थकों का दमन करने का अधिकार नहीं है। उसने धमकी भरे लहजे में साफ़ शब्दों में कहा, अगर डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थकों पर असम सरकार अत्याचार करना बंद नहीं करेगी, तो फिर जो भी होगा उसके लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे।
गौरतलब है कि पंजाब पुलिस तभी से खालिस्तान समर्थकों के ऊपर कार्रवाई कर रही है, जब अमृतसर की जेल में बंद अमृतपाल के सहयोगी को छुड़ाने के लिए खालिस्तान समर्थकों ने अजनाला पुलिस थाने के बाहर बवाल मचाया था। इस दौरान वारिस पंजाब दे संगठन के चीफ अमृतपाल के साथ आए हथियारबंद समर्थकों ने हिसंक रुख भी अख्तियार किया था। लेकिन इसके बाद पंजाब पुलिस जब अमृतपाल को गिरफ्तार करने पहुंची तो वह भाग खड़ा हुआ।