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Uttarakhand: नर्सिंग स्टाफ की कमी से जूझ रहा दून अस्पताल, खस्ताहाल इंतजाम से मरीजों का हो रहा बुरा हाल

Uttarakhand: नर्सिंग स्टाफ के काम छोड़ने की दो वजह सामने आई है। पहला उनका स्थाई नियुक्तियों का न होना और दूसरा निजी अस्पताल में अच्छा वेतन मिलना। दरअसल कोविड काल के दौरान दून हॉस्पिटल में बड़ी संख्या में नर्सिंग स्टाफ की भर्ती की गई थी। लेकिन कोरोना महामारी के केस कम होने के साथ ही इन सभी कोरोना वारियर्स को अस्पताल से हटा दिया गया। इसके बाद फिर सभी नर्सिग स्टाफ को सड़कों पर उतकर अपना रोष व्यक्त करना पड़ा।

देहरादून। उत्तराखंड का मशहूर अस्पताल दून अस्पताल फिर से सुर्खियों में है। इस बार बदहाल स्वास्थ सेवाओं के चलते दून अस्पताल फिर से सवालिया निशान खड़ा हो गया है। दरअसल दून अस्पताल अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं की वजह से नहीं, बल्कि नर्सिंग स्टाफ की कमी के वजह से चर्चा में है। अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ में काम करने वाले कई कर्मचारी वहां से छोड़कर दूसरी अस्पतालों का रुख कर रहे है। इसका खामियाजा अस्पताल और मरीज के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। अस्पताल में खस्ताहाल इंतजाम होने की वजह से मरीजों का बुरा हाल हो रहा है। वहीं दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक वाई रिजवी ने मामले में जानकारी देते हुए बताया, मेरे संज्ञान में है कि सरकार काफी सारी पोस्ट नर्सेस की रेंगुलर में 3 से 4 महीनें में निकाल रही हैं। स्वास्थ्य मंत्री से भी मालूम हुआ कि काफी सारी पोस्ट नर्सिंग में उत्तराखंड में निकालने जा रहे है। हम लोग कोशिश करते है कि नर्सेस का बेस्ट इस्तेमाल कर सके।

नर्सिंग स्टाफ के काम छोड़ने की दो वजह सामने आई है। पहला उनका स्थाई नियुक्तियों का न होना और दूसरा निजी अस्पताल में अच्छा वेतन मिलना। दरअसल कोविड काल के दौरान दून हॉस्पिटल में बड़ी संख्या में नर्सिंग स्टाफ की भर्ती की गई थी। लेकिन कोरोना महामारी के केस कम होने के साथ ही इन सभी कोरोना वारियर्स को अस्पताल से हटा दिया गया। इसके बाद फिर सभी नर्सिग स्टाफ को सड़कों पर उतकर अपना रोष व्यक्त करना पड़ा।

 

हालांकि इस प्रदर्शन का दून अस्पताल पर कोई फर्क नहीं पड़ा। इसके बाद फिर इन कर्मियों को अस्पताल में अस्थाई पद पर नियुक्तियां दी गई। जिसकी वजह से नर्सिंग स्टाफ पर नौकरी खोने का डर सताने लगा। इसके कारण नर्सिंग कर्मी दूसरे निजी अस्पतालों मे  नौकरी की तलाश रहे हैं। इसके साथ ही दून अस्पताल की तुलना में प्राइवेंट हॉस्पिटल अपने कर्मचारियों को खास सुविधाओं के साथ-साथ अच्छा सैलरी भी दे रहे हैं। ऐसे में  नर्सिंग कर्मचारियों की दून अस्पताल की बजाय अन्य निजी अस्पतालों में दिलचस्पी बढ़ती जा रही है।ॉ