पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर समाधान यात्रा के दौरान औरंगाबाद में कुर्सियां फेंकी गई। जिसके बाद यात्रा में अफरा तफरी की स्थिति पैदा हो गई। खबरों के अनुसार वे औरंगाबाद के कंचनपुर पंचायत में वे पंचायत भवन का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस दौरान उनपर कुर्सी के टुकड़े से हमला किया गया है। इस हमले में नीतीश कुमार बाल बाल बच गए हैं। बता दें कि हमले के दौरान जब उनपर कुर्सी का टुकड़ा फेंका गया तब वह नीतीश कुमार के बगल से गुजरा। अगर थोड़ी देरी होती तो यह टुकड़ा नीतीश कुमार के चेहरे पर लग सकता था जिससे नीतीश कुमार बुरी तरह घायल हो सकते थे।
आपको बता दें कि औरंगाबाद में समाधान यात्रा पर आए नीतीश कुमार पर कुर्सी तब फेंकी गई जब वे बारुण प्रखंड के कंचनपुर में पहुंचे थे। जब वे यहां पंचायत भवन का उद्घाटन करने पहुंचे थे इस दौरान उनके सामने कुर्सी फेंकी गई जो उनके ठीक सामने गिरी। दरअसल मुख्यमंत्री कंचनपुर पंचायत क्षेत्र में जैसे ही पहुंचे। इस दौरान स्थानीय लोगों की भारी भीड़ वहां उनसे मिलने व अपनी समस्या को बताने के लिए उमड़ पड़ी। वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी इस दौरान ग्रामीणों को रोक रहे थे। इसके बाद लोगों का गुस्सा पूट पड़ा और आक्रोशित भीड़ ने पहले कुर्सी तोड़ा। इसके बाद टूटी हुई कुर्सियों के टुकड़े को मुख्यमंत्री पर फेंकना शुरू कर दिया। बता दें कि यह कुर्सी का टुकड़ा नीतीश कुमार के ठीक पास से होकर गुजर गया।
लेकिन ये कोई पहली बार नहीं है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर पहली बार हमला हुआ है क्योंकि उनके काफिले पर पिछले साल भी हमला हुआ था। पिछले अगस्त में फूलों की माला उनपर फेंका गया था। फूलों की यह माला जदयू के किसी नेता द्वारा फेंका गया था। इससे पहले 12 अप्रैल को नालंदा में नीतीश कुमार की तरफ पटाखा फेंका गया था। वहीं साल 2020 में मधुबनी में नीतीश के मंच पर प्याज फेंका गया था। वहीं औरंगाबाद में इससे पहले 2018 की एक रैली में उनपर चप्पल फेंककर मारी गई थी।