नई दिल्ली। हेल्थ ड्रिंक्स के नाम पर सप्लीमेंट या सिरप आप अगर खरीदते हैं, तो ये खबर आपके लिए भी है। हेल्थ ड्रिंक्स बताकर उत्पाद बेचने वाली कंपनियों को मोदी सरकार ने जोर का झटका दिया है। मोदी सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को आदेश जारी किया है। इसके तहत अब ई-कॉमर्स कंपनियां बोर्नविटा समेत उस जैसे सभी पेय पदार्थों को हेल्थ ड्रिंक्स के तौर पर नहीं बेच सकेंगी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने इस बारे में आदेश जारी किया है। 10 अप्रैल को जारी आदेश में मंत्रालय ने ई-कॉमर्स साइट्स को इस बारे में कहा है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग यानी एनसीपीसीआर के निष्कर्ष के बाद ये कदम उठाया है। एनसीपीसीआर ने अपने निष्कर्ष में कहा था कि खाद्य पदार्थ सुरक्षा मानक एक्ट 2006 के तहत हेल्थ ड्रिंक्स की कोई परिभाषा नहीं दी गई है। इससे पहले भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण यानी एफएसएसएआई ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को अनाज, मॉल्ट और डेयरी से बने उत्पादों को हेल्थ या एनर्जी ड्रिंक्स के तौर पर नहीं बेचने को कहा था। खाद्य पदार्थों संबंधी कानून में किसी भी ड्रिंक को हेल्थ के लिए नहीं बताया गया है। साथ ही कार्बोनेटेड या गैर कार्बोनेटेड ड्रिंक्स को सुगंधित पानी आधारित माना गया है।
एफएसएसएआई ने ई-कॉमर्स साइट्स से कहा था कि वे हेल्थ ड्रिंक्स जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर उपभोक्ताओं को गुमराह नहीं कर सकते। एफएसएसएआई ने कहा था कि हेल्थ ड्रिंक्स नाम की कोई चीज नहीं है। सरकार के ताजा फैसले से हेल्थ ड्रिंक के तौर पर बिकने वाले पेय पदार्थों या सप्लीमेंट की निर्माता कंपनियों को काफी झटका लग सकता है। लंबे समय से बोर्नविटा और ऐसे ही अन्य उत्पादों को बच्चों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी बताकर बेचा जाता रहा है। अब ई-कॉमर्स कंपनियों को ऐसे सभी उत्पाद किसी और कैटेगरी में रखकर बेचना होगा। अब देखना ये है कि ई-कॉमर्स कंपनियां बोर्नविटा समेत इन पेय पदार्थों को किस कैटेगरी में रखकर बेचती हैं।