
नई दिल्ली। कर्नाटक में 10 मई को होने वाली वोटिंग से पहले चुनाव आयोग बेहद सख्ती बरत रहा है। सभी दलों ने एक तरफ अपने प्रत्याशियों के समर्थन में दम झोंक दिया है तो वहीं दूसरी तरफ आयोग भी सतर्क है। चुनाव आयोग ने रविवार को बड़ा दावा करते हुए कहा कि कर्नाटक में प्रवर्तन एजेंसियों ने 375 करोड़ रुपए मूल्य की शराब, ड्रग्स और फ्री गिफ्ट्स भी सीज किए हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान जो बरामदगी की गई थी ये उससे भी अधिक है। बताया जा रहा है कि पिछले बार के मुकाबले ये करीब 4.5 गुना ज्यादा है।
आपको बता दें कि ED ने राज्य के भीतर चुनावी गर्मी को देखते हुए, आचार संहिता लागू होने के बाद 29 मार्च को 288 करोड़ रुपए की संपत्ति पर अपना चाबुक चलाते हुए उसे कुर्क किया। वहीं, एक पोल पैनल ने 81 विधानसभा सीटों को ‘व्यय के प्रति संवेदनशील’ निर्वाचन क्षेत्र चिह्नित किया है। साथ ही मार्च के दूसरे सप्ताह में आयोग के दौरे की तारीख से चुनाव की घोषणा की तारीख तक, विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों ने 83.78 करोड़ भी कब्जे में लिए थे। बता दें कि इस बारे में पोल पैनल ने जानकारी देते हुए बताया कि कर्नाटक में जिस दिन चुनाव की तारीख की घोषणा हुई थी।
गौर करने वाली बात ये है कि ठीक उसी वक्त देश के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव की जब घोषणा की गई थी, उसी वक्त मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनावी प्रक्रिया के दौरान कड़ी निगरानी और जीरो टॉलरेंस पर जोर दिया था। कुमार ने कहा था कि आयोग किसी भी तरह की कोताही नहीं होने देगा। ऐसा होता है तो वो उसपर कार्रवाई करेंगे। इसके साथ ही राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने कहा कि 2018 में हुए विधानसभा चुनाव की तुलना में राज्य में रिकॉर्ड की गई जब्ती में 4.5 गुना की वृद्धि हुई है। कड़ी निगरानी, पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय और अंतर-एजेंसी समन्वय ने इस बार कर्नाटक में बड़े स्तर पर नकदी, शराब, ड्रग्स और मुफ्त उपहार बरामद कर लिए हैं।