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ED Files Chargesheet against Sanjay Singh: दिल्ली शराब घोटाला मामले में एक्शन में ED, संजय सिंह के खिलाफ दाखिल किया आरोपपत्र

ED Files Chargesheet against Sanjay Singh : गत 3 अक्टूबर को संजय सिंह को ईडी ने शराब नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। हालांकि, आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर इन्हें बीजेपी द्वारा रची गई साजिश बता रही है। हालांकि, जांच का सिलसिला जारी है। अब ऐेसे में आगामी दिनों में इस पूरे मामले में क्या कुछ कार्रवाई की जाती है।

नई दिल्ली। दिल्ली शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार आप सांसद संजय सिंह के खिलाफ ईडी ने शनिवार को अदालत में आरोपपत्र दायर किया है, जिसमें उन पर नई शराब नीति को लागू करने के दौरान अनियमितता के आरोप लगाए गए हैं। बता दें कि गत 3 अक्टूबर को संजय सिंह को ईडी ने शराब नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। हालांकि, आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर इन्हें बीजेपी द्वारा रची गई साजिश बताया है। फिलहाल, जांच का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में आगामी दिनों में इस पूरे मामले में क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। लेकिन, आइए उससे पहले जरा ये जान लेते हैं कि आखिर दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में दाखिल किए गए आरोपपत्र में ईडी ने क्या कुछ कहा है ?

आरोपपत्र में क्या कहा गया?

आपको बता दें कि ईडी ने संजय सिंह के खिलाफ 60 पेजों का आरोपपत्र दायर किया है, जिसमें आप सांसद पर दिल्ली शराब घोटाला मामले में विसंगति के आरोप लगाए गए हैं। हालांकि, अभी तक इस आरोपपत्र पर ना ही अदालत की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने आई है और ना ही आम आदमी पार्टी के किसी नेता की ओर से। ध्यान दें, इससे पहले भी ईडी की ओर से आप सांसद के खिलाफ उक्त मामले में पूरक आरोपपत्र दायर किया गया था।

अब तक इस मामले में क्या-क्या हुआ?

ध्यान दें, सबसे पहले इस मामले में दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद तिहाड़ जेल में उनके मसाज कराए जाने का वीडियो भी सामने आया था। जिसके बाद बीजेपी ने इस मामले में आम आदमी पार्टी को सवालों को कटघरे में खड़ा किया था। हालांकि, आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अपने नेता का इस मामले में जमकर बचाव किया। उन्होंने कहा कि जैन बीमार हैं। ऐसे में उन्हें मसाज की आवश्यकता है, लेकिन बीजेपी की ओर से हमलों का बाण नहीं थमा। वहीं, संजय सिंह के बाद इस मामले में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को भी सीबीआई द्वारा की गई लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल, वो भी सलाखों के पीछे हैं। उधर, सिसोदिया के बाद अब संजय सिंह भी जेल में हैं। वहीं, बीते दिनों ईडी ने इस पूरे मामले में मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर भी केस दर्ज किया था। अभी सीबीआई और ईडी जैसी जांच एजेंसी उक्त मामले की जांच कर रही है। ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन आइए उससे पहले जरा ये जान लेते हैं कि आखिर इस मामले की शुरुआत हुई कहां से ?

आखिर क्या है दिल्ली आबकारी नीति 

दरअसल, नई शराब नीति के तहत निजी शराब काराबोरियों को आर्थिक मोर्चे पर फायदा पहुंचाने की व्यवस्था की गई थी। नई शराब नीति के तहत सरकारी दुकानों के अलावा निजी दुकानों पर भी शराब बेचने की परमिशन दी गई थी। इसके पीछे सरकार का तर्क था कि इससे शराब की कालाबाजारी पर जहां अंकुश लगेगा तो वहीं दूसरी तरफ सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी। यही नहीं, केजरीवाल सरकार ने नई शराब नीति के तहत रात में भी शराब के दुकानों को खोलने की इजाजत दे दी थी। वहीं, नई शराब नीति के लागू होने के बाद दिल्ली सरकार के राजस्व में एक या दो नहीं, बल्कि 20 फीसद का इजाफा दर्ज किया गया था।

आखिर कहां से शुरू हुई रार?

… तो शराब नीति को लेकर असली परेशानी तब शुरू हुई, जब मुख्य सचिव नरेश कुमार ने अपनी एक रिपोर्ट में दिल्ली शराब नीति को बनाने में केजरीवाल सरकार पर नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया। वहीं, मुख्य सचिव के आरोपों को संज्ञान में लेने के बाद उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सीबीआई जांच की अनुशंसा की। वहीं, सीबीआई ने जांच का सिलसिला शुरू किया, तो सबसे पहले रडार पर कोई और नहीं, बल्कि दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद जैन आए, जो कि अभी-भी सलाखों की हवा खा रहे हैं। उधर, इस पूरे मसले को लेकर बीजेपी का हमला भी आप पर बदस्तूर जारी रहा, जो कि कमोबेश अभी-भी जारी है।

सीएम केजरीवाल भी रडार पर

ध्यान दें, अब इस मामले में सीएम केजरीवाल भी रडार पर आ चुके हैं। बीते दिनों ईडी की ओर से उन्हें पूछताछ के लिए समन भेजा गया था, लेकिन वो मध्य प्रदेश चुनाव प्रचार में व्यस्तता का हलावा देकर पूछताछ के लिए पेश नहीं हो पाए, जिसे लेकर बीजेपी ने उन्हें आड़े हाथों भी लिया।