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Bihar: रामचरितमानस पर विवादित बयान देने वाले बिहार के शिक्षा मंत्री ने अब…!

इससे पहले बिहार के शिक्षा मंत्री ने एक मंच से कार्यक्रम को संबोधित करने के क्रम में कहा था कि इस पुस्तक में कई ऐसे श्लोक हैं, जो समाज को विभाजित करने का काम करते हैं। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में खूब बवाल मचा था।

नई दिल्ली। रामचरितमानस पर विवादास्पद टिप्पणी करने वाले बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो..चंद्रशेखर के एक और बयान ने राजनीतिक गलियारों में घमासान तो नहीं, बल्कि सियासी हलचल जरूर बढ़ा दी है। इस बार उन्होंने एकलव्य पर टिप्पणी की है। शिक्षा मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि, ‘जिनके पुरखों ने फिरंगियों के साथ मिलकर हमारे देश के गरीबों पर जुल्म ढाए, क्या वह हम पर राज करेंगे? हम एकलव्य की संतान हैं, हम अंगूठा देना नहीं, बल्कि जवाब देना जानते हैं। हम शहीद जगदेव बाबू की संतान कुर्बानी देना नहीं, कुर्बानी लेना जानते हैं। तैयार रहें चट्टानी एकता से इनकी जड़े हिलानी हैं’। बता दें कि बिहार के शिक्षा मंत्री का यह ट्वीट अभी खासा तेजी से वायरल हो रहा है, जिस पर लोग अलग-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नजर आ रहे हैं।

ध्यान रहे कि इससे पहले शिक्षा मंत्री ने एक मंच से कार्यक्रम को संबोधित करने के क्रम में कहा था कि रामचरितमानस में कई ऐसे श्लोक हैं, जो समाज को विभाजित करने का काम करते हैं। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में खूब बवाल मचा था। बीजेपी ने शिक्षा मंत्री के विरोध में मोर्चा खोल दिया था और सीएम नीतीश से मंत्री के इस्तीफे की मांग की थी। लेकिन, नीतीश कुमार ने इस संदर्भ में कोई बयान नहीं दिया सिर्फ इतना कहकर कन्नी काट गए कि यह मंत्री का निजी बयान है। हालांकि, बाद में नीतीश ने शिक्षा को ऐसे बयान देने से गुरेज करने के लिए कहा था जिससे कि राजनीति मोर्चे पर बिहार सरकार दुश्वारियां ना झेलनी पड़े।

उधर, चंद्रशेखर के बयान के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में स्वामी प्रसाद मौर्य ने विवादित बयान देकर भूचाल मचा दिया था। उन्होंने तो रामचरितमानस पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर दी थी। उनके इस बयान के विरोध में एफआईआर दर्ज की गई थी। यही नहीं, उनके लखनऊ स्थित मंदिर में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। उधर, सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक इंटरव्यू में रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी करने वालों को नासमझ करार दिया था। हालांकि, सियासी विश्लेषकों का मानना है कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी के विरोध में सियासी दुश्वारियां पैदा करने के लिए स्वर्ण बनाम दलित की जंग तेज की जा रही है। बहरहाल, अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।