
नई दिल्ली। बीते सात दिन से उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे 41 मजदूर जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं। तमाम कोशिशों के बाद भी मजदूरों को निकाले का हर तरीका असफल हो रहा है। सरकार लगातार मजदूरों को निकालने की कोशिश कर रही है। उन तक खाना-पानी पहुंचाने का जटिल काम भी किया जा रहा है लेकिन आज यानी आठवें दिन महा-मिशन शुरू हुआ है जिसमें अब पड़ाह के ऊपर से सुरंग बनाने का काम किया जा रहा है। पहाड़ के ऊपर से ड्रिलिंग कर रास्ता बनाने की कोशिश की जा रही है।
#UttarkashiRescue update
Border Road Organization (BRO) has started prepping 1km track on the top of #Silkyara tunnel.
Over 200 labourers have been engaged in the task.Once the work of track will get completed, it will be used to transport heavy machines on the hill top – to… pic.twitter.com/y7eoywSRPN
— जनरल नरभक्षी पैरोडी 🏹 (@GDnarbhakshi) November 19, 2023
40 मीटर का वो फासला…क्या आज तय हो जाएगा ?
दाएं-बाएं-ऊपर से प्रहार…आज टूटेगी चट्टान की ‘दीवार’ !#UttarakhandTunnel #UttarkashiRescue #UttarakhandTunnelCollapse @manishindiatv pic.twitter.com/hDpNCkBZxe— India TV Hindi (@IndiaTVHindi) November 19, 2023
वर्टिकल ड्रिलिंग की तैयारी
4.5 किलोमीटर लंबी सिल्क्यारा से डांडागांव सुरंग में तमाम तरीकों के बाद भी मजदूरों को बचाया नहीं जा रहा है कि लेकिन अब वर्टिकल ड्रिलिंग के जरिए पहाड़ के ऊपर से सुरंग बनाने का काम किया जा रहा है। इसके लिए बड़ी संख्या में वर्कफोर्स को तैनात कर दिया गया है। सीमा सड़क संगठन ने मदद के लिए मजदूर लगा दिए हैं और उनको वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए पहाड़ पर भेजा जा रहा है। मशीनों की सहायता से भी पहाड़ों को काटने का काम किया जा रहा है और सेफ्टी ब्लॉक लगाकर सुरंग के मुहाने को सुरक्षित करने का काम भी किया जा रहा है।
उत्तरकाशी की टनल में 8 दिन से 41 मजदूर फंसे हैं। आज उनके लिए भी ईश्वर से मन्नत मांगिए। 🙏#WorldcupFinal #UttarkashiRescue pic.twitter.com/SsxyOSdaAX
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) November 19, 2023
मौके पर बड़े अधिकारी मौजूद
मौके पर कई बड़े अधिकारी मौजूद हैं, जो हालात पर कड़ी नजर बनाए रखे हुए हैं। ओएसडी भास्कर खुल्बे की उपस्थिति में सारा काम किया जा रहा है। मजदूरों को बचाने के लिए शनिवार को उच्चस्तरीय बैठक भी की गई और मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने के अलग-अलग तरीकों पर बात की गई और कई अलग-अलग एजेंसियों को इस काम की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिसमें ओएनजीसी (तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम), टीएचडीसी, एनएचआईडीसीएल (राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड),आरवीएनएल, एसजेवीएनएल (सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड) जैसी कंपनियों के नाम शामिल हैं।
This the govt’s plan to rescue those 40 men who are stuck in the tunnel. #UttarakhandTunnel #UttarkashiRescue pic.twitter.com/ey4R6YHLcL
— Faheem (@stoppression) November 19, 2023
तेजी से हो रहा बचाव कार्य
भास्कर खुल्बे ने बताया कि मजदूरों को निकालने के लिए पूरे क्षेत्र की ताकत लगा दी गई है। हर तरीके से बचाव का काम किया जा रहा है। हम ऐसा रास्ता बनाने की कोशिश कर रहे हैं जिससे हम मजदूरों को बिल्कुल अंदर पहुंचा सके और उन्हें सुरक्षित बाहर भी निकाल सकें। तेजी से मजदूरों को बचाने के लिए एक बड़ी पाइप का निर्माण किया जा चुका है क्योंकि वैज्ञानिकों को मानना है कि इससे मजदूरों को निकालने में ज्यादा मदद मिलेगी। इससे पहले मजदूरों को बचाने के लिए अमेरिका से एक बड़ी मशीन मंगाई गई थी, जिसे असेंबल करने में ही बहुत परेशानी झेलनी पड़ी थी।