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Aditya Thakerey On Shinde: उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के बारे में किया बड़ा दावा, Video में देखिए क्या बोले

उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से करोड़ों रुपए लेकर दगा देने के आरोपों को हमेशा एकनाथ शिंदे और उनके साथी विधायकों ने गलत बताया है। शिंदे गुट का हमेशा कहना रहा है कि उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व का रास्ता छोड़ा और एनसीपी-कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर सरकार बनाई। इसके खिलाफ वो थे।

हैदराबाद। उद्धव ठाकरे के बेटे और महाराष्ट्र के विधायक आदित्य ठाकरे ने बुधवार को हैदराबाद में बड़ा दावा किया। पत्रकारों से बात करते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि 39 विधायकों के साथ बगावत करने से पहले एकनाथ शिंदे उनके घर मातोश्री आए थे और रोए थे। आदित्य ठाकरे ने ये दावा भी किया कि एकनाथ शिंदे ने उस वक्त रोते हुए कहा था कि वो बीजेपी के साथ जा रहे हैं। अगर ऐसा नहीं करेंगे, तो केंद्रीय एजेंसियां उनको गिरफ्तार कर लेंगी। इससे पहले उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से हमेशा आरोप लगाया जाता रहा है कि 50-50 करोड़ लेकर एकनाथ शिंदे और उनके साथी विधायकों ने पाला बदल लिया। सुनिए आदित्य ठाकरे ने क्या दावा किया है।

आदित्य ठाकरे के इस दावे को उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने भी सही ठहराया है। उन्होंने ट्वीट कर क्या कहा, ये पढ़िए। हालांकि, सवाल ये भी उठता है कि इस बारे में इतने दिन आदित्य ठाकरे और संजय राउत आखिर चुप क्यों रहे? क्यों नहीं उन्होंने पहले ही ये बात सार्वजनिक की? साथ ही ये दावा आज तक उद्धव ठाकरे ने भी नहीं किया।

उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से करोड़ों रुपए लेकर दगा देने के आरोपों को हमेशा एकनाथ शिंदे और उनके साथी विधायकों ने गलत बताया है। शिंदे गुट का हमेशा कहना रहा है कि उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व का रास्ता छोड़ा और एनसीपी-कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर सरकार बनाई। इसके खिलाफ वो थे और इसी वजह से बीजेपी का एक बार फिर से दामन थामकर महाराष्ट्र को गैर हिंदुत्ववादी सरकार से मुक्ति दिलाई है। एकनाथ शिंदे गुट की अभी आदित्य ठाकरे के बयान पर प्रतिक्रिया नहीं आई है। माना जा रहा है कि वो भी बयान से पलटवार करेंगे।

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एकनाथ शिंदे गुट के 40 विधायकों, 12 सांसदों और अन्य नेताओं के पाला बदलने की वजह से उद्धव ठाकरे को शिवसेना का नाम और उसका चुनाव चिन्ह तीर और कमान से हाथ धोना पड़ा। चुनाव आयोग ने पिछले साल एकनाथ शिंदे के गुट को असली शिवसेना मानते हुए पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह दे दिया था। हालांकि, इस बारे में उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से दाखिल मुकदमे की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ये टिप्पणी भी की थी कि उद्धव ने बहुमत परीक्षण का सामना किए बगैर ही सीएम पद छोड़ दिया था। ऐसे में कोर्ट किस तरह कहे कि उनकी सरकार दोबारा लाई जाए।