नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के बाद अब निर्वाचन आयोग एक और अहम वोटिंग की तैयारी में जुट गया है। ये तैयारी जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए चुनाव कराने की है। जम्मू-कश्मीर अभी केंद्र शासित प्रदेश है। यहां ताजा परिसीमन लागू किया गया है। इस परिसीमन के तहत जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 90 सीटें रखी गई हैं। जानकारी के अनुसार इसी महीने निर्वाचन आयोग जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर सकता है।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए चुनाव की तारीखों का निर्वाचन आयोग जल्दी ही एलान कर सकता है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा की जिन 90 सीटों के लिए चुनाव कराया जाएगा, उनमें 2 नई सीटें माता वैष्णो देवी और कटरा की भी होंगी। ताजा परिसीमन के तहत केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा में जम्मू के लिए 43 और कश्मीर घाटी के लिए 47 विधानसभा सीटें रखी गई हैं। जम्मू-कश्मीर विधानसभा की 90 सीट में से 9 को अनुसूचित जाति और 7 को अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व रखा गया है। लोकसभा के लिए भी नए परिसीमन के तहत जम्मू में 2 और कश्मीर में 2 सीटें होंगी। इसके अलावा 1 सीट का आधा हिस्सा जम्मू और आधा कश्मीर में होगा।
जम्मू-कश्मीर में पीडीपी और बीजेपी की मिली जुली सरकार के पतन के बाद 2018 से ही विधानसभा भंग है। मोदी सरकार ने 2019 के अगस्त महीने में जम्मू-कश्मीर से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द कर उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया था। इसके बाद से हालात को ठीक करने का काम शुरू हुआ और इस वजह से विधानसभा चुनाव नहीं कराए जा सके। 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से 370 के प्रावधान खत्म करने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं को खारिज करते हुए निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया था कि वो सितंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव पूरे करा ले। इस बार लोकसभा के चुनाव को देखें, तो जम्मू-कश्मीर में 58.58 फीसदी कुल वोटिंग हुई। वहीं, कश्मीर घाटी में ही बड़ी तादाद में लोगों ने वोट डाला और वहां 51.05 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई। जबकि, पहले आतंकियों के डर के कारण लोग वोट डालने नहीं निकलते थे।