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Kumar Vishwas: कुमार विश्वास के कार्यक्रम में पैदा हुई आपातकालीन स्थिति, फिर…! , पढ़िए कविराज का फेसबुक पोस्ट

Kumar Vishwas: कुमार विश्वास ने अपने फेसबुक अकाउंट में इस बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि, ‘ आज हिंदी-दिवस के अवसर पर भगवान राम की पदरज से पावन पुण्य नगरी नासिक में आयोजित कवि-सम्मेलन में एक आपातकालीन स्थिति उपस्थित हो गई।

नई दिल्ली। कल यानी 14 सितंबर देशभर में हिंदी दिवस हर्षों-उल्लास के साथ मनाया गया। हिंदी के विद्वानों ने एकत्रित होकर हिंदी भाषा में निहित अपार संभावनाओं पर विस्तारसे चर्चा की। इस दौरान हिंदी भाषा की उपयोगिता के आयाम को कैसे विस्तारित किया जाए व आज की युवा पीढ़ी का आकर्षण इस भाषा के प्रति कैसे किया जाए? इसका खाका तैयार किया गया। वहीं, वैश्विक मंच पर भी हिंदी के विद्वानों ने संकल्पबद्धता व्यक्त की। इस खास मौके पर जगह-जगह हिंदी के विद्वानों का जमघट लगा। सभी ने इस खुलकर अपनी बात रखी। इसके अलावा इस खास मौके पर लोगों ने कविता और कहानियों के माध्यम से भी हिंदी की प्रासंगिकता व्यक्त की। जिसमें विख्यात कवि कुमार विश्वास भी शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट साझा किया जिसमें उन्होंने हिंदी भाषा की उपयोगिता का जिक्र खुद अपने शब्दों में किया, लेकिन आपको बता दें कि इस दौरान उनके कार्यक्रम में एक आपातकालीन स्थिति पैदा हो गई।

दरअसल, उनके कार्यक्रम में महज 800 से 900 लोगों के ही बैठने की व्यवस्था थी, लेकिन हिंदी के प्रति लोगों का प्रेम इस कदर उमड़ा की कार्यक्रम में लोगों का सैलाम उमड़ पड़ा, जिसकी वजह से कार्यकर्म में अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो गई, जिसके बारे में उन्होंने खुद अपने फेसबुक पर अकाउंट पर पोस्ट कर साझा किया है। आइए, आगे आपको बताते हैं कि उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में क्या कुछ कहा है।

क्या बोले कुमार विश्वास

बता दें कि कुमार विश्वास ने अपने फेसबुक अकाउंट में इस बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि, ‘ आज हिंदी-दिवस के अवसर पर भगवान राम की पदरज से पावन पुण्य नगरी नासिक में आयोजित कवि-सम्मेलन में एक आपातकालीन स्थिति उपस्थित हो गई। महाकवि कालिदास सभागार की क्षमता लगभग नौ सौ लोगों की ही थी और हिंदी-कविता व मुझ अकिंचन के प्रेम में हज़ारों लोग एकत्र हो गए। पुलिस-प्रशासन ने इस सभागार में आयोजन के हो सकने की संभावनाओं को अस्वीकार कर दिया। अब आयोजन किसी बड़े मैदान में किसी अन्य तिथि को होगा। श्रोताओं से क्षमा प्रार्थी हूँ कि आप के इतने पास तक पहुँचकर भी आपको अपने काव्यपाठ के रस से सिंचित नहीं कर सका। माँ सरस्वती की कृपा से मराठी मौसी के प्रिय पुत्र-पुत्रियों से यथाशीघ्र भेंट होगी। वहीं, कुमार विश्वास के इस पोस्ट पर लोग अलग-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नजर आ रहे हैं। ऐसे में आपका बतौर पाठक इस पूरे मसले पर क्या कुछ कहना है। आप हमें कमेंट कर बताना बिल्कुल भी मत भूलिएगा।