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Maharashtra: ईडी ने फिर कसा नवाब मलिक पर शिकंजा, डूब गई NCP नेता की लुटिया

Maharashtra :इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने नवाब मलिक को विगचत 23 फरवरी को गिरफ्तार दाउद इब्राहिम से कनेक्शन के मामले में गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने मलिक को धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया था। हालांकि, अपनी गिरफ्तारी के विरोध में नवाब ने मुंबई हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

नई दिल्ली। एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक की पांच संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया। इनमें विशाल गोवावाला कंपाउंड, एक वाणिज्यिक इकाई और कुर्ला उपनगर में 3 फ्लैट्स, बांद्रा पश्चिम में दो आवासीय फ्लैट, और उस्मानाबाद जिले में 148 एकड़ कृषि भूमि शामिल है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक को फरवरी में ईडी उनके घर से पूछताछ के लिए ले गई थी। बाद में उन्हें माफिया कनेक्शन वाले 20 साल पुराने भूमि सौदे से उत्पन्न एक कथित धनशोधन मामले में गिरफ्तारी किया था। तब से वो जेल में हैं और सुप्रीम कोर्ट से जमानत की गुहार लगा रहे हैं।

बता दें कि इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने नवाब मलिक को विगचत 23 फरवरी को गिरफ्तार दाउद इब्राहिम से कनेक्शन के मामले में गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने मलिक को धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया था। हालांकि, अपनी गिरफ्तारी के विरोध में नवाब ने मुंबई हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद हाईकोर्ट ने धनशोधन मामले नवाब को आगामी 15 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। वहीं, हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बाद भी जब उनकी आस पूरी नहीं हो पाई तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी कोर्ट इस मामले में जल्द से जल्द सुनवाई कराने की मांग की है।

nawab malik

यकीनन, अब ऐसे में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि इस पूरे प्रकरण को संज्ञान में लेने के बाद उपरांत कोर्ट की तरफ से क्या कुछ फैसला सुनाया जाता है। क्या नवाब मलिक को कोर्ट की तरफ से राहत मिलती या नहीं है। वैसे इस पूरे मामले में नवाब मलिक के समर्थकों का कहना है कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल उन्हें महज इसलिए परेशान किया जा रहा है, क्योंकि वे मुस्लिम नेता है। नवाब के समर्थकों का कहना है  कि इससेे पहले भी केंद्र की तरफ से कई मुस्लिम नेताओं को परेशान किया जा रहा है। बहरहाल, यह पूरा मसला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में आगे चलकर यह पूरा माजरा क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।