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Subrata Roy: इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, चिट फंड कंपनी, एयरलाइंस और मीडिया में कमाया नाम तो जेल में भी रहना पड़ा; ऐसी रही सुब्रत रॉय की जिंदगी

1976 में सुब्रत रॉय ने सहारा फाइनेंस का हिस्सा बनने के बाद कंपनी के दुर्दिन में इसे खरीद लिया। यहीं से वो प्रसिद्धि और सफलता की राह पर बढ़ चले। उन्होंने सहारा फाइनेंस के जरिए कारोबार का विशाल साम्राज्य खड़ा कर दिया। सहारा फाइनेंस सफल होने लगी, तो सुब्रत रॉय 1990 में लखनऊ चले आए।

लखनऊ। सहारा इंडिया के प्रमुख सुब्रत रॉय का लंबी बीमारी के बाद 75 साल की उम्र में मंगलवार रात मुंबई में निधन हो गया। उनके परिवार में पत्नी स्वप्ना रॉय, दो बेटे सुशांतो और सीमांतो राय और बेटों की पत्नियां हैं। वो पहले ऐसे शख्स थे, जिसने अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई और सफलता के शिखर तक पहुंचे, लेकिन फिर किस्मत ने ऐसी पलटी खाई कि जेल में भी काफी वक्त बिताना पड़ा। एक दौर में सुब्रत रॉय इतने चर्चित हुए थे कि मशहूर पत्रिका ‘टाइम’ तक ने बताया था कि रेलवे के बाद भारत में सुब्रत रॉय की सहारा इंडिया कंपनी दूसरी सबसे बड़ी रोजगार देने वाली कंपनी है। साल 2012 में इंडियो टुडे ग्रुप ने सहाराश्री के नाम से अपने कर्मचारियों में पहचाने जाने वाले सुब्रत रॉय को देश के 10 सबसे ताकतवर लोगों में बताया था। सुधीर चंद्र रॉय और छवि रॉय के घर 10 जून 1948 को सुब्रत रॉय का जन्म हुआ था। परिवार तब बिहार के अररिया में रहता था। मूल रूप से सुब्रत रॉय का परिवार बांग्लादेश के विक्रमपुर का निवासी था और वे वहां जमींदार थे।

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सुब्रत रॉय की स्कूली शिक्षा कोलकाता में हुई। फिर परिवार गोरखपुर आ गया। यहां उन्होंने सरकारी टेक्निकल इंस्टीट्यूट से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद सुब्रत रॉय ने कारोबार में हाथ आजमाया। फिर 1976 में सुब्रत रॉय ने सहारा फाइनेंस का हिस्सा बनने के बाद कंपनी के दुर्दिन में इसे खरीद लिया। यहीं से वो प्रसिद्धि और सफलता की राह पर बढ़ चले। उन्होंने सहारा फाइनेंस के जरिए कारोबार का विशाल साम्राज्य खड़ा कर दिया। सहारा फाइनेंस सफल होने लगी, तो सुब्रत रॉय 1990 में लखनऊ चले आए। अपनी कंपनी को वो सहारा इंडिया का नाम देकर रियल एस्टेट, मीडिया, सिनेमा और कई अन्य कारोबार में भी उतरे। फिर 1992 में सुब्रत रॉय ने ‘राष्ट्रीय सहारा’ नाम से अखबार शुरू किया और महाराष्ट्र में ‘एंबी वैली’ शहर बसाया। फिर साल 2000 में उन्होंने सहारा टीवी के नाम से कई न्यूज चैनल शुरू किए। सहारा को उन्होंने किस ऊंचाई तक पहुंचाया था, इसका पता इसी से चलता है कि सुब्रत रॉय ने 2010 में लंदन का नामचीन ग्रॉसवेनर हाउस होटल और 2 साल बाद न्यूयॉर्क का प्लाजा होटल और ड्रीम डाउनटाउन होटल भी खरीद लिया।

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इतने पर ही सुब्रत रॉय नहीं रुके। उन्होंने सहारा हॉस्पिटल भी बनवाया, जो लोगों को शानदार चिकित्सा सुविधा देने के लिए प्रसिद्ध है। फॉर्मूला वन रेसिंग टीम भी सुब्रत रॉय ने खरीदी। एक दौर में 11 अरब डॉलर की संपत्ति तैयार करने वाले सुब्रत रॉय सफलता की सीढ़ियां चढ़ते-चढ़ते अचानक ढलान पर भी आ गए। उनपर निवेशकों से धोखाधड़ी का आरोप सेबी ने लगाया। मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया और 4 मार्च 2014 को सुब्रत रॉय को कोर्ट ने 20000 करोड़ और ब्याज न चुकाने पर तिहाड़ जेल भी भेज दिया गया। जेल में काफी वक्त गुजारने के बाद वो छूटे, लेकिन इस मामले ने उनकी कंपनी की प्रतिष्ठा पर गहरा असर डाल दिया।