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Rajkot Game Zone Fire: ‘डेथ फॉर्म’ भरने के बाद ही मिलती थी राजकोट के गेम ज़ोन में एंट्री, बिना NOC चल रहा था मौत का कारोबार

Rajkot Game Zone Fire: पीड़ितों के शरीर गंभीर रूप से जल गए थे, जिससे पहचान करना चुनौतीपूर्ण हो गया था। शवों से डीएनए नमूने विश्लेषण के लिए गांधीनगर भेजे गए हैं। इस घटना पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित विभिन्न हस्तियों ने संवेदना व्यक्त की है। आध्यात्मिक गुरु मोरारी बापू ने भी दुख व्यक्त किया और पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी।

नई दिल्ली। गुजरात के राजकोट में टीआरपी गेम जोन में शनिवार को भीषण आग लग गई, जिसमें 28 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में 12 बच्चे भी शामिल हैं। पुलिस ने गेम जोन के मालिक समेत छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। मालिक युवराज सिंह सोलंकी को हिरासत में ले लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। एक चौंकाने वाले खुलासे में यह पाया गया कि गेम ज़ोन में विजिटर्स को एंट्री गेट पर ‘डेथ फॉर्म’ पर हस्ताक्षर करने पड़ते थे। इस फॉर्म में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि परिसर के भीतर होने वाली किसी भी चोट या मृत्यु के लिए प्रबंधन को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा। इस फॉर्म पर हस्ताक्षर करने वालों को ही गेम जोन में प्रवेश की अनुमति थी।

राज्य सरकार ने दिए जांच के आदेश

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने घटना की जांच के आदेश दिये हैं. आग के कारणों और परिस्थितियों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री ने आज राजकोट में एम्स और अन्य अस्पतालों का दौरा कर घायलों और उनके परिवारों से मुलाकात की और अपनी संवेदना व्यक्त की। पुलिस ने गेम जोन के मालिक युवराज सिंह सोलंकी, प्रकाश जैन, राहुल राठौड़ और महेंद्र सिंह सोलंकी सहित छह लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304, 308, 337, 338 और 114 के तहत मामला दर्ज किया है। हो सकता है कि सर्किट के कारण आग लगी हो। यह भी पता चला कि गेम जोन में 2000 लीटर डीजल और 1500 लीटर पेट्रोल जमा था, जिससे आग और भड़क गई। बताया गया है कि गेम ज़ोन में अग्निशमन विभाग से अग्नि सुरक्षा एनओसी का अभाव था और आपातकालीन निकास भी नहीं था। प्रवेश और निकास के लिए केवल एक ही द्वार था, जिससे बचाव कार्यों में काफी बाधा आई। फायर ब्रिगेड तुरंत घटनास्थल पर पहुंची और देर रात तक बचाव अभियान चलाया।

पीड़ितों के शरीर गंभीर रूप से जल गए थे, जिससे पहचान करना चुनौतीपूर्ण हो गया था। शवों से डीएनए नमूने विश्लेषण के लिए गांधीनगर भेजे गए हैं। इस घटना पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित विभिन्न हस्तियों ने संवेदना व्यक्त की है। आध्यात्मिक गुरु मोरारी बापू ने भी दुख व्यक्त किया और पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी।