
नई दिल्ली। निजी क्षेत्र में नौकरी करने वालों के लिए अच्छी खबर है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ ने ऐसे कर्मचारियों के पीएफ पर ब्याज दरों में हल्की बढ़ोतरी की है। ईपीएफओ ने साल 2022-23 के लिए पीएफ पर 8.15 फीसदी की दर से फिलहाल ब्याज देना तय किया है। पिछले साल ईपीएफओ ने ब्याज की दर 8.10 फीसदी रखी थी। जो पिछले 8 साल में न्यूनतम थी। इसे लेकर काफी हल्ला मचा था। इस बार ब्याज में थोड़ी बढ़ोतरी कर महंगाई से जूझती जनता को थोड़ी राहत देने का काम ईपीएफओ ने किया है। ये ब्याज दर अब मार्च 2024 तक लागू रहेगी।
ईपीएफओ से हालांकि उम्मीद थी कि तमाम जमा योजनाओं पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी और रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो रेट में लगातार किए गए इजाफे की वजह से वो भी पीएफ पर ब्याज दरों को बढ़ाने का फैसला लेगा, लेकिन आज सुबह हुई ईपीएफओ ट्रस्टीज की बैठक में पीएफ पर ब्याज दरों में सिर्फ 0.05 फीसदी बढ़ोतरी करने का ही फैसला हुआ। इससे फिलहाल ज्यादा राहत तो नहीं मिलेगी, लेकिन पीएफ में अंशदान करने वाले निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को कुछ फायदा जरूर होगा।
पिछले साल फरवरी में जबसे यूक्रेन और रूस के बीच जंग शुरू हुई है, तभी से दुनिया की माली हालत लगातार खराब हो रही है। इसका असर अमेरिका पर पड़ा, तो उसने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की। इस बढ़ोतरी से रुपए का अवमूल्यन हो सकता था। इस वजह से रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कई बार इजाफा किया। इससे महंगाई कुछ नियंत्रण में तो आई है, लेकिन ईएमआई जैसी चीजें बढ़ गई हैं। वैसे जमा योजनाओं पर बैंक और पोस्ट ऑफिस काफी बेहतर ब्याज दे रहे हैं। अब देखना ये है कि ईपीएफओ ट्रस्टीज के बताए ब्याज दर को वित्त मंत्रालय की मंजूरी मिलती है या नहीं।