नई दिल्ली। मोदी सरकार ने एक और अहम फैसला किया है। मोदी सरकार ने हर साल 17 सितंबर को ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ मनाने का फैसला किया है। इस बारे में गृह मंत्रालय ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ, लेकिन इसके बाद 13 महीने तक हैदराबाद निजाम के शासन के तहत रहा। सरकारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि ‘ऑपरेशन पोलो’ के तहत पुलिस एक्शन चलाकर हैदराबाद को 17 सितंबर 1948 को आजाद कराया जा सका। सरकार ने कहा है कि हैदराबाद को आजाद कराने और युवाओं के मन में देशभक्ति की भावना जगाने वाले शहीदों की याद में हर साल 17 सितंबर को हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाने का फैसला किया गया है। इसमें कहा गया है कि वहां के लोगों की भी लंबे अर्से से यही मांग थी।
Government of India has decided to celebrate 17th September every year as “Hyderabad Liberation Day”. pic.twitter.com/RfdnGG9frM
— ANI (@ANI) March 13, 2024
बता दें कि अंग्रेजों के शासनकाल में भी हैदराबाद निजाम के तहत ही था। मुगल सल्तनत के दौर से ही हैदराबाद पर निजाम का कब्जा था। भारत जब आजाद हुआ, तो सभी रजवाड़ों को ये विकल्प दिया गया कि वे चाहें तो भारत या पाकिस्तान में से किसी एक के साथ जा सकते हैं। सभी रजवाड़ों ने भारत के साथ रहने का फैसला किया, लेकिन निजाम ने खुद का शासन हैदराबाद पर रखा। इसके बाद ये जानकारी मिली कि हैदराबाद के निजाम पाकिस्तान के साथ जाने की तैयारी कर रहे हैं। ये जानकारी मिलने पर जवाहरलाल नेहरू की सरकार में गृहमंत्री और उप प्रधानमंत्री का ओहदा संभाल रहे सरदार वल्लभ भाई पटेल ने हैदराबाद को आजाद कराने के लिए पुलिस एक्शन का फैसला किया।
नतीजे में 16 सितंबर 1948 को हैदराबाद में केंद्रीय पुलिस बलों का एक्शन शुरू हुआ। ऑपरेशन पोलो के तहत केंद्रीय बलों ने हैदराबाद में प्रवेश किया और बिना खून-खराबे के निजाम के शासन को पस्त कर दिया। इसके बाद निजाम ने भारत में हैदराबाद को शामिल कराने के लिए हामी भरी। इसी की याद में अब मोदी सरकार ने हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाने का फैसला किया है।