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Sengol: नए संसद भवन में रखी जानी वाली सेंगोल की Exclusive फोटोज आईं सामने, क्या आपने देखी?

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये वही सेंगोल है, जिसे नई संसद में रखा जाएगा। प्रयागराज से लाने के बाद ये सेंगोल दिल्ली के नेश्नल म्यूजियम में रखा गया था। अब IGNCA को सौंप दिया गया है, जो इसे नई संसद में ले जाएंगे। इसी को लेकर विपक्षियों ने केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोल हुआ है।

नई दिल्ली। इन दिनों देश में दो मसलों को लेकर विवाद जोरों पर है। पहला नवनिर्मित संसद भवन का उद्धाटन आखिर पीएम मोदी द्वारा क्यों किया जा रहा है? विपक्षियों की मांग है कि इसका उद्धाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए, ना की प्रधानमंत्री द्वारा। इसी विरोध को ध्यान में रखते हुए कई विपक्षी दलों ने नवनिर्मित संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है। हालांकि, कइयों ने समर्थन भी किया है, जिसमें मायावती का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। बता दें कि जहां 21 दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होने का केंद्र का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है, तो वहीं दूसरी तरफ 25 दलों ने विरोध भी किया है। कुछ सियासी विश्लेषकों का मानना है कि इस विरोध के जरिए आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव की रूपरेखा तैयार करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि नए संसद भवन में रखे जाने वाले सेंगोल की तस्वीरें सामने आई हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये वही सेंगोल है, जिसे नई संसद में रखा जाएगा। प्रयागराज से लाने के बाद ये सेंगोल दिल्ली के नेश्नल म्यूजियम में रखा गया था। अब IGNCA को सौंप दिया गया है, जो इसे नई संसद में ले जाएंगे। इसी को लेकर विपक्षियों ने केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोल हुआ है। जिसकी शुरुआत सबसे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने की थी, जिसके बाद दूसरे दल भी शामिल होते चले गए। वहीं, विपक्षियों के इन विरोध पर गत बुधवार को केंद्रीय गृह अमित शाह की भी प्रतिक्रिया आई थी , जिसमें उन्होंने विपक्षियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है। बता दें कि नवनिर्मित संसद भवन में लोकसभा स्पीकर की सीट के बगल में रखा जाएगा। आइए, अब जानते हैं कि आखिर सेंगोल क्या है ?

क्या है सेंगोल

दरअसल, इतिहास में चोल राजवंश के दौरान एक राजा दूसरे राजा को सत्ता के हस्तातंरण के दौरान सेंगोल सौंपते थे, जो कि पॉवर ऑफ ट्रांसफर का भी प्रतीक होता था। यहां तक भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू और अंग्रेजों के आखिरी वॉयसराय ने उन्हें सेंगोल सौंपा था, जो कि इस बात का प्रतीक था कि अब अंग्रेजों ने अपनी सत्ता शक्ति भारत को सौंप दी है। वहीं, अब अमित शाह ने बीते बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जैसे ही इस बात का ऐलान किया कि इसे लोकसभा स्पीकर के बगल में रखा जाएगा, तभी से विपक्षियों ने होहल्ला मचाया हुआ है। बहरहाल, अब यह होहल्ला कहां जाकर खत्म होता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।