नई दिल्ली। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन की गोद में बैठ गए हैं और भारत के खिलाफ लगातार कदम उठा रहे हैं। मोहम्मद मुइज्जू ने मालदीव का राष्ट्रपति चुनाव ‘इंडिया गो’ के नारे के साथ लड़ा था। वो भूल गए कि मालदीव को किस तरह आतंकियों के चंगुल में आने से भारत ने ही फौज भेजकर बचाया था। मुइज्जू भूल गए कि भारत ने वाटर प्लांट खराब होने पर पीने का पानी भेजकर मालदीव के लोगों की प्यास बुझाई थी और कोरोना काल में लोगों की जान बचाने के लिए मालदीव को वैक्सीन की खेप मुफ्त में दी थी। मुइज्जू ने चीन के दौरे से लौटने के बाद भारत से कहा है कि वो 15 मार्च 2024 तक मालदीव में तैनात अपनी सेना के जवानों को हटा ले। तो आइए जानते हैं कि मालदीव में भारतीय सेना के कितने जवान तैनात हैं और वे क्या काम करते हैं।
मुइज्जू सरकार का दावा है कि मालदीव में भारतीय सेना के करीब 90 जवान तैनात हैं। ये संख्या गलत है। मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों की संख्या 77 ही है। अब आपको बताते हैं कि भारतीय सेना के जवान वहां क्या करते हैं। तो जान लीजिए कि मालदीव की सुरक्षा या अपना प्रभुत्व बढ़ाने के लिए भारत ने सेना के जवानों की तैनाती नहीं की है। मालदीव को भारत ने वहां की जनता की स्वास्थ्य सेवा के लिए कई हेलीकॉप्टर दिए हैं। इन हेलीकॉप्टरों को उड़ाने का काम भारतीय सेना करती है। इसके अलावा भारतीय सेना के जवान मालदीव के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन, जो तट से 200 समुद्री मील तक होता है में वहां के अफसरों को तमाम तरह के शोध में मदद देते हैं।
मालदीव में 5 लाख लोग रहते हैं। सबसे ज्यादा पर्यटक अब तक भारत के ही वहां होते रहे हैं। इसके अलावा भारत से ही मालदीव को चावल, सब्जी, दवा और अन्य मानवीय सहायता मिलती रही है। मोहम्मद मुइज्जू ने मालदीव का राष्ट्रपति बनने के बाद चीन का दौरा किया और लौटकर बताया है कि भारत पर अब उनके देश की सरकार जरूरी चीजों के लिए कम आश्रित होगी। इसकी जगह तुर्की और चीन से खाद्य पदार्थ और दवा वगैरा मंगवाने की बात मुइज्जू कह रहे हैं। साफ है कि मुइज्जू अब चीन के कहने पर भारत विरोधी रुख अपना चुके हैं। हालांकि, मुइज्जू को हाल ही में तब तगड़ा झटका लगा जब उनकी पार्टी पीएनसी की उम्मीदवार राजधानी माले के मेयर पद का चुनाव हार गई।