
उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा से बड़कोट तक बन रही सुरंग आजकल चर्चा में है। इस सुरंग में 12 नवंबर को तड़के 5.30 बजे धंसाव हो गया था। 60 मीटर तक मलबा आ जाने से उसके पीछे 41 मजदूर फंस गए। ये मजदूर 8 राज्यों के हैं। सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने में काफी मशक्कत की जरूरत पड़ी। सिलक्यारा सुरंग में मजदूर जहां फंसे हैं, वो पोर्टल यानी सुरंग के मुहाने से करीब 265 मीटर अंदर है। सुरंग में ऊपर का हिस्सा ढह जाने से मिट्टी के साथ ही बड़ी चट्टानें भी गिर गईं। सिलक्यारा से बड़कोट तक इस सुरंग को केंद्र का परिवहन मंत्रालय बनवा रहा है। इस सुरंग की कुल लंबाई 4.531 किलोमीटर है और इसे अप और डाउन परिवहन के लिए बनाया जा रहा है। नवोदय इंजीनियरिंग कंपनी को इसका ठेका मिला है। सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग को चारधाम महामार्ग यात्रा के लिए ऑल वेदर रोड के तहत तैयार करने का फैसला हुआ था।
सरकारी कंपनी नेशनल हाइवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। साल 2018 में इस ऑल वेदर रोड को बनाने का फैसला किया गया था। इसके लिए बजट में 1383 करोड़ रुपए रखे गए। सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग के बनने से धरासु से यमुनोत्री तक जाने वाली सड़क की लंबाई 25.6 किलोमीटर से घटकर 4.53 किलोमीटर रह जाएगी। इससे इस दूरी को हर मौसम में तीर्थयात्री 50 मिनट की जगह 5 मिनट में तय कर सकेंगे। जाड़े के मौसम में धरासु से यमुनोत्री के मार्ग पर बर्फ भी जम जाती है। इस बर्फ से होकर लोगों को नहीं जाना होगा। जुलाई 2018 से शुरू हुए प्रोजेक्ट को 2022 तक खत्म होना था, लेकिन अलग-अलग कारणों से इसे पूरा नहीं किया जा सका है। सिलक्यारा सुरंग को अब मई 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन धंसाव के कारण ये काम अब और देर में होने के आसार हैं।
सिलक्यारा सुरंग में अब तक 4 किलोमीटर के करीब ही काम हुआ था। 477 मीटर की सुरंग खोदने का काम जारी था। इसी बीच ये हादसा हो गया। अब बड़कोट की तरफ से भी सुरंग को खोदा जा रहा है। सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने की योजना के तहत दूसरे छोर से खोदाई का काम शुरू किया गया था। इसके अलावा मजदूरों को बाहर निकालने की योजना के तहत सुरंग में ऊपर से भी खोदाई के लिए जगह चिन्हित किया गया था। यहां खोदाई के लिए भी मशीन लाई गई थी।