नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के मुखिया अरविंद केजरीवाल कथित शराब घोटाला या यूं कहें कि आबकारी घोटाला में घिरे। उनकी सरकार में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को शराब घोटाला मामले में 17 महीने जेल में बिताने पड़े। केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह भी जेल जाकर जमानत पर लौटे। केजरीवाल के करीबी विजय नायर को भी जेल में रहना पड़ा। तेलंगाना की एमएलसी और वहां के पूर्व सीएम के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता को भी शराब घोटाला मामले में ईडी ने जेल भिजवाया था। हम आपको बताने जा रहे हैं कि दिल्ली में शराब घोटाला का आरोप क्यों लगा और इसमें अरविंद केजरीवाल क्यों घिरे?
क्या है दिल्ली का कथित शराब घोटाला?
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की सरकार 2021-22 में नई आबकारी नीति लाई। इसे नवंबर 2021 में लागू किया गया। जुलाई 2022 में दिल्ली के तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार ने लेफ्टिनेंट गवर्नर को रिपोर्ट भेजी। इस रिपोर्ट में कहा गया कि नई आबकारी नीति में प्रक्रियात्मक खामियां हैं। चीफ सेक्रेटरी ने रिपोर्ट में कहा कि दिल्ली सरकार के तत्कालीन डिप्टी सीएम और आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने एकतरफा और मनमाने फैसले लिए। इससे दिल्ली के खजाने को 580 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ। आरोप लगा कि शराब कारोबारियों को पैसा कमाने दिया गया और दिल्ली सरकार की आय कम हो गई। इसके अलावा कोरोना में बिजनेस के नुकसान के नाम पर शराब कारोबारियों की अर्नेस्ट मनी भी वापस की गई।
किस-किसकी गिरफ्तारी और क्या हैं अरविंद केजरीवाल पर आरोप?
इस मामले में सबसे पहले मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी हुई। इसके बाद संजय सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। फिर अन्य आरोपियों के अलावा अरविंद केजरीवाल और सबसे बाद में के. कविता को भी ईडी ने गिरफ्तार किया। ईडी ने अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाया कि वो शराब घोटाला के तहत कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने की साजिश में शामिल थे। इसके एवज में साउथ कार्टेल से 100 करोड़ रुपए की घूस ली और इस रकम में से 45 करोड़ को गोवा विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए खर्च किया। ईडी ने अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाला का किंगपिन बताया है। ईडी का आरोप है कि केजरीवाल ने शराब घोटाला के मुख्य आरोपियों में से एक समीर महेंद्रू से वीडियो कॉल पर बात की। उन्होंने आरोपी विजय नायर के साथ काम जारी रखने को कहा।
साउथ कार्टेल में किस-किसके नाम?
ईडी के मुताबिक साउथ कार्टेल में के. कविता, सांसद मगुंटा रेड्डी, उनके बेटे मगुंटा राघव रेड्डी, चार्टर्ड अकाउंटेंट बुचीबाबू गोरंटला, हैदराबाद के शराब कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली और दवा बनाने वाली कंपनी के पी. शरत कैंड्रा रेड्डी के नाम हैं। ईडी ने अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाया कि वो 2021-22 में बनाई गई दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति में सीधे तौर पर शामिल थे। जांच एजेंसी के मुताबिक साउथ कार्टेल ने इस शराब नीति का अनुचित लाभ उठाया। कार्टेल ने थोक शराब कारोबार के साथ खुदरा दुकानें भी हासिल की। के. कविता को गिरफ्तार करने के बाद ईडी ने ये आरोप भी लगाया कि अरविंद केजरीवाल ने शराब घोटाला की साजिश रची। ईडी ने ये दावा भी किया कि आरोपियों ने अपने तमाम मोबाइल नष्ट किए। साथ ही घोटाले से जुड़ा सारा पैसा कैश में लिया और हवाला के जरिए ही कैश में खर्च किया। वहीं, अरविंद केजरीवाल और अन्य आरोपियों की दलील है कि कोई सबूत नहीं हैं। साथ ही ईडी और सीबीआई एक पैसा भी बरामद नहीं कर सकी हैं। उनकी दलील है कि सबूतों की जगह सिर्फ बयानों के आधार पर कार्रवाई हो रही है। उन्होंने इस कार्रवाई को राजनीतिक साजिश भी बताया है।