newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Sri lanka Crisis: श्रीलंका संकट पर आया विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान, जानें क्या कहा

Sri lanka Crisis: उधर, मीडिया रिपोर्ट की मानें तो राजपक्षे जा चुके हैं, लेकिन अभी तक इसकी पुष्ट जानकारी सामने नहीं आई है। श्रीलंका में जिस तरह विरोध प्रदर्शन के नाम पर हिंसक गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है, उससे यह साफ जाहिर होता है कि देश का आर्थिक भविष्य गर्त में है। फिलहाल, वहां सर्वदलीय सरकार के गठन की मांग जोर पकड़ रही है।

नई दिल्ली। पिछले कई माह से आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में कल हिंसक परिस्थितियां देखने को मिली। जब मौजूदा हूकुमत से त्रस्त हो चुकी जनता सड़क पर आकर विरोध प्रदर्शन करने लगी। सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने तक आमादा हो गई। यह कहना गलत नहीं रहेगा कि किसी लोकतांत्रिक देश में वह सबसे अभूतपूर्व दृश्य था, जब प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति के आवास में जबरन दाखिल हो गए थे। सामने आए वीडियोज में प्रदर्शनकारी स्वीमिंग पुल में नहाते हुए भी नजर आ रहे हैं। उधर, श्रीलंका संकट के बीच नागरिकों की सुरक्षा का हवाला देते हुए रानिल विक्रमसिंधे ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन उनके इस्तीफे के कुछ देर बाद ही प्रदर्शनकारियों ने उनके घर को भी आग के हवाले कर दिया। अब प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की भी मांग कर रहे हैं।

Sri Lankan Economic Crisis: आर्थिक संकट के सबसे खराब दौर से गुजर रहा है  श्रीलंका, विस्तार से जानें इसके पीछे के कारण - explained reasons that led  to sri lankan economic crisis -

उधर, मीडिया रिपोर्ट की मानें तो राजपक्षे जा चुके हैं, लेकिन अभी तक इसकी पुष्ट जानकारी सामने नहीं आई है। श्रीलंका में जिस तरह विरोध प्रदर्शन के नाम पर हिंसक गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है, उससे यह साफ जाहिर होता है कि देश का आर्थिक भविष्य गर्त में है। फिलहाल, वहां सर्वदलीय सरकार के गठन की मांग जोर पकड़ रही है। गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग के साथ-साथ कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाने की मांग भी जोर पकड़ रही है।

Sri Lanka Economic Crisis Explained: श्रीलंका आर्थिक संकट के बुरे दौर में,  हरी मिर्च भी 710 रुपये किलो तो दूध के छोटे-छोटे पैकेट से गुजारा करने लोग  मजबूर

अब ऐसे में देखना होगा कि आगामी दिनों में श्रीलंका का भविष्य कैसा रहता है, लेकिन शायद आपको पता हो कि वहां काफी संख्या में भारतीय मूल के लोग भी रहते हैं और जिस तरह से वहां स्थिति अराजक होती जा रही है। हिंसक गतिविधियां बढ़ती जा रही है, तो इन सबके बीच केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद की चिंता वहां फंसे शरणार्थियों के साथ श्रीलंका की आर्थिक बदहाली को लेकर भी सामने आई है, जिसमें उन्होंने क्या कुछ कहा है। आइए, आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

uestion was asked on Russia regarding India and China s jaishankar gave the  agreement answer - आप रूस-यूक्रेन पर चुप हैं तो भारत-चीन पर कौन बोलेगा?  पत्रकार ने एस जयशंकर से पूछा

विदेश मंत्री ने कहा है कि हम श्रीलंका की लगातार मदद कर रहे हैं और वहां फंसे शरणार्थियों को बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं है। उन्हें हरमुमकिन सहायत प्रदान की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि अभी तक श्रीलंका खुद ही अपनी समस्याओं का समाधान तलाशने की कोशिश कर रहा है। लेकिन, मैं एक बात साफ कर देना चाहता हूं कि संकट की इस घड़ी में भारत श्रीलंका के साथ खड़ा है। उसे घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। बता दें कि श्रीलंका की मौजूदा आर्थिक दशा पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चिता जताई है। ध्यान रहे कि श्रीलंका में काफी संख्या में भारतीय मूल के लोग रहते हैं। उधर, बात अगर विदेश मंत्री जयशंकर के केरल जाने के पीछे की वजह की करें, तो ना महज वे, बल्कि पार्टी के कई अन्य नेता बीते कुछ दिनों से दक्षिण भारत में अपनी सक्रियता बढ़ा रहे हैं। मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में उन्होंने कहा कि वे दक्षिण भारत में पार्टी के लिए संभावनाएं तलाशने की जुगत में जुटे हुए हैं।