Fact Check: क्या छात्र के रुद्राक्ष पहनने पर शिक्षक ने की पिटाई?, जानिए वायरल वीडियो की सच्चाई

Fact Check: दरअसल, अभी हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे ट्वीट में बताया गया है कि तमिलनाडु के एक सरकारी स्कूल में एक छात्र को एक ईसाई शिक्षक ने महज इसलिए बेरहमी से पीटा, क्योंकि उसने रूद्राक्ष पहन रखा था।

सचिन कुमार Written by: October 18, 2021 3:25 pm
teacher and student

नई दिल्ली। क्या तमिलनाडु में हिंदू होना गुनाह है? क्या तमिलनाडु के सरकारी स्कूलों में हिंदू छात्र को रुद्राक्ष पहनने की अनुमति नहीं है? क्या तमिलनाडु के सरकारी स्कूलों ने ऐसा कोई नियम बनाया हुआ है, जिसमें यह प्रावधान किया गया हो कि हिंदू छात्रों को रुद्राक्ष पहनने की इजाजत नहीं है? और इससे भी ज्यादा हैरानी की बात तो यह है कि अगर कोई छात्र इन नियमों के उल्लंघन की चेष्टा करता है, तो वहां पढ़ाने वाले शिक्षक उस बच्चे के साथ जानवरों से जैसा सलूक करते हुए उसे निर्ममता से पीटते हैं? यह कुछ ऐसे सवाल हैं, जो अभी सोशल मीडिया पर उठाए जा रहे हैं और लोगों द्वारा ये सवाल अभी हाल ही में वायरल हो रहे एक ट्वीट के मद्देनजर उठाए जा रहे हैं। आइए, आपको बताते हैं कि आखिर इस ट्वीट में ऐसा क्या है जिसकी वजह से सोशल मीडिया पर ऐसे सवालों को झड़ी लग गई।

जानिए पूरा माजरा

दरअसल, हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है कि इस वीडियो में दिखाई जा रहा है कि तमिलनाडु के एक सरकारी स्कूल में छात्र को एक ईसाई शिक्षक ने महज इसलिए बेरहमी से पीटा, क्योंकि उसने रुद्राक्ष पहन रखा था। इतना ही नहीं, उस ईसाई शिक्षक का क्रोध यहीं शांत नहीं हुआ। वो उस छात्र के रुद्राक्ष पहनने पर इस कदर खफा हो चुका था कि उस छात्र को उसने स्कूल से बाहर भी निकाल दिया। गौर करिएगा कि जैसे ही यह ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो लोगों ने इस पर अलग-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कीं। लोगों ने अपना रोष जाहिर किया।

वहीं, किसी भी लोकतांत्रिक व धर्मनिरपेक्ष देश में इस तरह के प्रकरण प्रकाश में आने के बाद इनकी गहन जांच होना तो स्वाभाविक ही है। कुछ ऐसा ही इस ट्वीट के संदर्भ में भी किया गया है। यह सब कुछ जानने का प्रयास किया गया कि आखिर उस ईसाई शिक्षक ने ऐसा क्यों किया? जब एक लोकतांत्रिक व धर्मनिरपेक्ष देश में किसी भी व्यक्ति को अपने धर्म के रीति-रिवाजों का अनुपालन करने की पूरी स्वतंत्रता है, तो इस तरह का कृत्य हिंदुस्तान के किसी प्रदेश में कहां तक उचित है। खैर, हर मामले की तरह इसकी भी पूरी जांच हुई और जांच में जो कुछ भी निकलकर सामने आया है, उसने सभी को हैरान करके रख दिया। आइए, आगे जानते हैं कि आखिर जांच में क्या कुछ निकलकर सामने आया है।

जांच में क्या कुछ निकलकर आया सामने

दरअसल, इस पूरे मामले की जांच के परिणामस्वरूप पता चला कि छात्र हिंदू तो था, लेकिन शिक्षक ईसाई नहीं, बल्कि वो भी हिंदू ही था और उसे अब इस कृत्य की वजह से संस्पेड कर दिया गया है। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि उस छात्र को रुद्राक्ष पहनने की वजह से नहीं, बल्कि क्लास स्कीप करने की वजह से पीटा था, लेकिन सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने समाज में नफरत फैलाने के ध्येय से इसे झूठी खबर के रूप में प्रचारित किया। यह पूरी तरह से झूठ है, लिहाजा इस पर विश्वास न किया जाए। चलिए, अब हम आपको इस ट्वीट के संदर्भ में आई कुछ प्रतिक्रियाओं के बारे में बताए चलते हैं।

…तो जैसा कि आपने देखा कि कैसे किसी घटना को तोड़ मरोड़कर समाज को विभाजित करने के ध्येय से प्रचारित किया गया, लेकिन वो गनीमत रही कि समय रहते इस प्रकरण की वास्तविकता परिलक्षित हो गई अन्यथा ऐसे प्रकरण बहुधा हिंसक रूप अख्तियार करने में विलंब नहीं करते। खैर, इस प्रकरण के बहाने ही सही, लेकिन सरकार को ऐसा करने वाले शरारती तत्वों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की आवश्यकता जरूर महसूस हुई होगी।