नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर हर रोज सरकार के काम को लेकर कई तरह के दावे किए जाते हैं। सरकार की योजनाओं को लेकर भी कई दावे किए जाते हैं। लेकिन ये दावे कितने सही होते हैं इसको लेकर पीआईबी की फैक्ट फाइंडिंग टीम इन दावों की सत्यता की पड़ताल करती है और रोज इस तरह के कई दावे इन पड़तालों में गलत साबित होते हैं। कोरोनावायरस के प्रसार के बाद से भी इसी तरह के दावों की सोशल मीडिया पर बाढ़ सी आ गई है। हर रोज सरकार की अलग-अलग योजनाओं को लेकर दावे किए जाते हैं और इन दावों में ये बताया जाता है कि किस तरह से इसके जरिए लोगों को सरकार सीधे तौर पर फायदा पहुंचा रही है। वहीं कई ऐसी बातों को सोशल मीडिया पर शेयर किया जाता है जिसमें ये बताया जाता है कि सरकार जनता के खिलाफ इस तरह की योजनाओं के तहत नुकसान पहुंचाने का काम कर रही है। सोशल मीडिया पर ऐसे दावे हकीकत से परे और झूठे होते हैं।
वहीं कोरोना काल में भी सरकार की कई योजनाओं को लेकर ऐसे ही दावे किए जा रहे हैं जिनको देखकर आप भरोसा नहीं कर पाएंगे कि ये दावे हकीकत से अलग इतने झूठे होंगे। अब सरकार सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे इस तरह के झूठ को लेकर केंद्र सरकार लगातार लोगों को जागरूक कर रही है। अब वॉट्सऐप जरिए सरकार को लेकर एक ऐसा संदेश दिया जा रहा है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि सरकार 18 साल से अधिक उम्र के सभी नागरिकों को कोरोना फंडिंग करने जा रही है। इस दावे की मानें तो सरकार कोरोना फंडिंग के तहत 18 साल से ज्यादा उम्र के नागरिकों को 1,30,000 रुपये देगी। लेकिन पीआईबी की फैक्ट फाइंडिंग टीम ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया और जानकारी दे दी है कि ये दावा केवल और केवल भ्रम फैलाने के लिहाज से किया गया है इसमें कोई सच्चाई नहीं है। पीआईबी फैक्ट चेक ने ट्वीट कर इस दावे की हकीकत बयां करते हुए बताया है कि भारत सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है और ना ही सरकार ऐसी कोई योजना चला रही है।
Claim: A message circulating on #WhatsApp claims that the Government has ordered payment of ₹130,000 as #Covid funding to all citizens above the age of 18.#PIBFactCheck: The claim is #Fake. No such announcement has been made by the Government. pic.twitter.com/NF8dH08wLW
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) November 24, 2020
इससे पहले एक और दावा सोशल मीडिया के जरिए किया जा रहा था जिसे पीआईबी की फैक्ट टीम ने गलत करार दिया। इस दावे की मानें तो शिक्षा मंत्रालय ने देश भर के 50% सरकारी स्कूलों का निजीकरण करने के लिए केंद्र को सिफारिश भेजी है। इस दावे को लेकर जहां केंद्र सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि फिलहाल इस तरह का कोई प्लान नहीं है। वहीं पीआईबी फैक्ट चेक में भी इस दावे को फर्जी बताया गया है।
दावा : एक खबर में दावा किया जा रहा है कि गृह मंत्रालय ने 31 दिसंबर तक स्कूल व कॉलेज बंद करने का फैसला लिया है।#PIBFactCheck : यह दावा फ़र्ज़ी है। गृह मंत्रालय ने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है। pic.twitter.com/Snagyrv0ni
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) November 23, 2020
वहीं सोशल मीडिया पर एक दावा यह भी किया जा रहा है कि देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना मामले को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देशभर में स्कूल और कॉलेजों को 31 दिसंबर तक बंद करने का आदेश दिया है।
दावा: एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि शिक्षा मंत्रालय ने देश भर के 50% सरकारी स्कूलों का निजीकरण करने के लिए केंद्र को सिफारिश भेजी है। #PIBFactCheck: यह दावा फर्जी है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा ऐसी कोई सिफारिश नहीं भेजी गई है। pic.twitter.com/yCrsS0nV3z
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) November 22, 2020
वहीं सोशल मीडिया पर एक और झूठा दावा किया जा रहा है जिसमें यह कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने बढ़ते कोरोना को देखते हुए शादी समारोह में जो गेस्ट की संख्या 200 से 50 की थी उसे केंट्री गृह मंत्रालय ने आदेश के जरिए 100 कर दिया है। पीआईबी ने भी इस बात की तस्दीक कर दी है कि यह दावा पूरी तरह से फर्जी है।
An office order allegedly issued by the Ministry of Home Affairs claims that the number of guests permitted in wedding functions in Delhi is being increased from 50 to 100.#PIBFactCheck: This claim is #Fake. No such order has been issued by the @HMOIndia. pic.twitter.com/IglF32X8ma
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) November 24, 2020
वहीं इससे पहले एक न्यूज़ आर्टिकल में यह दावा किया जा रहा है कि 2024 लोकसभा चुनाव में जो मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं करेंगे, चुनाव आयोग द्वारा उनके बैंक खातों से 350 रुपए काट लिए जाएंगे। पीआईबी फैक्ट चेक में यह दावा फर्जी ही निकला। चुनाव आयोग द्वारा ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
एक न्यूज़ आर्टिकल में यह दावा किया जा रहा है कि 2024 लोकसभा चुनाव में जो मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं करेंगे, चुनाव आयोग द्वारा उनके बैंक खातों से ₹350 काट लिए जाएंगे।#PIBFactCheck: यह दावा फर्जी है। @ECISVEEP द्वारा ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। pic.twitter.com/c6MbGPxROq
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) November 23, 2020
कोरोना काल में भी देशभर में इस तरह की फेक खबरों की बाढ़ आ गई है और ये खबरें तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रही हैं। भारत सरकार की प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो ने इस तरह की वायरल खबरों की जांच कर उसका खंडन करना भी शुरू कर दिया है।