नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किए जाने का ऐलान किया है। बता दें कि इसकी जानकारी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर दी है, जिसमें उन्होंने कहा कि, ‘मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। मैंने भी उनसे बात की और इस सम्मान से सम्मानित होने पर उन्हें बधाई दी। हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक, भारत के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उनका जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर हमारे उपप्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करने तक का है। उन्होंने हमारे गृह मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। उनके संसदीय हस्तक्षेप हमेशा अनुकरणीय और समृद्ध अंतर्दृष्टि से भरे रहे हैं’।
#WATCH दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा पर उनकी बेटी प्रतिभा आडवाणी ने कहा, “मुझे और पूरे परिवार को बहुत खुशी है… निश्चित ही आज मुझे जिसकी सबसे ज्यादा याद आ रही है वो मेरी मां हैं, जिनका दादा(लालकृष्ण आडवाणी) के जीवन में बहुत बड़ा योगदान… pic.twitter.com/JNWHSqNjkg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 3, 2024
उधर, बीजेपी के अन्य नेताओं ने भी केंद्र सरकार द्वारा लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर खुशी जाहिर की है। वहीं, इस बीच उनकी बेटी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसमें उन्होंने कहा कि, ‘”मुझे और पूरे परिवार को बहुत खुशी है… निश्चित ही आज मुझे जिसकी सबसे ज्यादा याद आ रही है वो मेरी मां हैं, जिनका दादा(लालकृष्ण आडवाणी) के जीवन में बहुत बड़ा योगदान रहा है। मैंने जब दादा को बताया तो वे बहुत खुश थे। उन्होंने यही बात बोली कि उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में लगाया और देश के शुक्रगुजार हैं…” इसके अलावा परिवार के अन्य सदस्यों ने भी खुशी जाहिर की है। आइए, अब आगे आपको लालकृष्ण आडवाणी के राजनीतिक सफर के बारे में तफसील से बताते हैं।
आपको बता दें, लालकृष्ण आडवाणी का राजनीतिक सफर 50 साल से भी ज्यादा का है। अपने इस सफर के दौरान वो तीन दफा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्य़क्ष रह चुके हैं। आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के पुरोधा माने जाते हैं। राम मंदिर आंदोलन ने उन्हें हिदू ह्रदय सम्राट की छवि प्रदान की थी। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि साल 1996 में ऐसा लग रहा था कि वो प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हो सकते हैं, लेकिन तब परिस्थितियों ने उन्हें इस कुर्सी पर विराजमान होने से रोक दिया।
VIDEO | “It is a matter of happiness of all of us, the country and the family. We are emotional and happy over this announcement. It is like a ‘double dhamaka’…Ram Mandir Pran Pratishtha took place on January 22 and on February 3 he (LK Advani) has been honoured with Bharat… pic.twitter.com/UsnU4YxcVy
— Press Trust of India (@PTI_News) February 3, 2024
वहीं, लाल कृष्ण आडवाणी के बेटे का भी बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि, ‘”यह हम सभी, देश और परिवार की खुशी की बात है। हम इस घोषणा से भावुक और खुश हैं। यह ‘डबल धमाका’ जैसा है… राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी और फरवरी को हुई थी 3 उन्हें (लालकृष्ण आडवाणी को) भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। वह राम मंदिर आंदोलन से जुड़े थे। मैं इस फैसले के लिए सरकार और पीएम मोदी के प्रति आभार व्यक्त करता हूं,” लालकृष्ण आडवाणी के बेटे जयंत आडवाणी ने बीजेपी के दिग्गज नेता बनने पर कहा भारत रत्न से सम्मानित।