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Sad: नहीं रही पेंच टाइगर रिजर्व की मशहूर कॉलरवाली बाघिन, 16 साल में 29 शावक पैदा करने का बनाया रिकॉर्ड

कॉलरवाली बाघिन साल 2005 के सितंबर महीने में पैदा हुई थी। अशोक मिश्रा के मुताबिक पेंच में ही बड़ी मादा नाम से एक और प्रसिद्ध बाघिन थी। कॉलरवाली उसकी ही बेटी थी। बड़ी मादा की मौत के बाद कॉलरवाली बाघिन ने उसके इलाके पर अपना कब्जा जमा लिया था।

सिवनी। मध्यप्रदेश की पेंच टाइगर रिजर्व की मशहूर कॉलरवाली बाघिन नहीं रही। इस बाघिन को पेंच की रानी और सुपर मॉम के नाम से भी लोग बुलाते थे। बाघिन का सरकारी नाम वैसे तो टी-15 था और वो 29 शावकों को जन्म देने की वजह से दुनिया में मशहूर थी। बाघिन ने कर्माझिरी के कुम्भादेव बीट में शनिवार शाम को अंतिम सांस ली। ये जानकारी देते हए पेंच टाइगर रिजर्व के संचालक अशोक मिश्रा ने बताया कि कॉलरवाली बाघिन काफी बुजुर्ग थी। उसकी उम्र 16 साल से ज्यादा हो गई थी। बीते एक हफ्ते से उसकी तबीयत खराब थी। बाघिन की मौत के बाद उसका पोस्टमॉर्टम कर विसरा और कुछ अंगों को जांच के लिए लैब में भेजा गया है।

कॉलरवाली बाघिन साल 2005 के सितंबर महीने में पैदा हुई थी। अशोक मिश्रा के मुताबिक पेंच में ही बड़ी मादा नाम से एक और प्रसिद्ध बाघिन थी। कॉलरवाली उसकी ही बेटी थी। बड़ी मादा की मौत के बाद कॉलरवाली बाघिन ने उसके इलाके पर अपना कब्जा जमा लिया था। उसने मई 2008 से दिसंबर 2018 तक 8 बार में 29 शावकों को जन्म दिया। कॉलरवाली की वजह से ही पेंच में बाघों की संख्या बढ़ी और इसे टाइगर रिजर्व के तौर पर मान्यता दी गई। रिजर्व के संचालक के मुताबिक इतनी बड़ी संख्या में बच्चों को जन्म देना और उनमें से 25 को जीवित रख पाना कहीं और नहीं देखा गया है।

कॉलरवाली बाघिन ने मई 2008 में 3, अक्टूबर 2008 में 4, अक्टूबर 2010 में 5, मई 2012 में 3, अक्टूबर 2013 में 3, अप्रैल 2015 में 4, 2017 में 3 और दिसंबर 2018 में 4 शावकों को जन्म दिया था। उसकी बेटी जिसका सरकारी नाम टी-4 है, अब अपने 5 शावकों के साथ पेंच टाइगर रिजर्व में रहती है। अशोक ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि पाटदेव बाघिन ही अब अपनी मां की विरासत को आगे ले जाएगी। कॉलरवाली बाघिन की मौत से आसपास के लोगों के साथ ही दुनियाभर में बाघ प्रेमी शोक जता रहे हैं।